इस अस्पताल परिसर में 150 से अधिक बिल्लियां हैं, जो कई बार मरीजों व नर्सो को काट चुके हैं
एनआरएस अस्पताल में पिछले दिनों 16 पिल्लों की हत्या मामले के बाद से ही महानगर के लोग पशुओं के रक्षार्थ आवाजें बुलंद करने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। एनआरएस अस्पताल में पिछले दिनों 16 पिल्लों की हत्या मामले के बाद से ही महानगर के लोग पशुओं के रक्षार्थ आवाजें बुलंद करने लगे हैं। जिसका नतीजा है कि अब एक के बाद एक ऐसे पहल किए जा रहे हैं कि जिससे उनकी रक्षा संभव होगी।
हाल ही में अस्पताल के उपाधीक्षक द्विपायन विश्वास ने सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में कहा कि उन्होंने पिल्ला हत्याकांड मामले के बाद से ही मांस खाना छोड़ दिया है। खैर, एनआरएस अस्पताल में केवल कुत्ते ही नहीं, बल्कि बिल्लियों की भी भरमार है। अस्पताल में 150 से अधिक बिल्लियां हैं। जिनकी रक्षा के लिए अस्पातल के अधिकारियों को प्रस्ताव दिया गया है।
अक्सर बिल्लियां अस्पताल में भर्ती मरीजों, उनके परिजनों व अस्पताल के कर्मचारियों पर भोजन के लिए हमले किया करती है। नतीजतन, परेशान लोग उन्हें भागने के लिए डंडे तानते हैं। ऐसे में अस्पातल में भर्ती मरीजों को भी दिक्कत न हो और बिल्लियों की भी रक्षा की जा सके, इसके लिए विशेष पहल के तौर पर अस्पताल के अधिकारियों को एक प्रस्ताव दिया गया है।
अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व पशु प्रेमी रत्ना मंडल प्रसूति विभाग में कार्यरत हैं। उनकी माने तो अक्सर भोजन की ताक में बिल्लियां वार्ड में प्रवेश करती हैं और मरीजों के रखे खाने को खा लेती है। ऐसे में ज्यादातर समय मरीज या उनके परिजन वहां मौजूद होते हैं और वे उन्हें भगाने के लिए डंडे तक तान लेते हैं। लेकिन यह देखकर मुझे खासा बुरा लगता है कि पेट पर भी आफत वाली स्थिति है। खैर, वार्ड में मां और बेचे होते हैं तो कई तरह की अन्य दिक्कतें भी पेश आ सकती है। ऐसे में एक पशु प्रेमी होने के बावजूद में यह चाहती हूं कि यहां से बिल्लियों को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए, जहां उन्हें भोजन मिल सके और वे जीवित रह सके।
वहीं उन्होंने उक्त विषय पर पशु प्रेमी सुष्मिता लाहिड़ी से फोन पर बात भी की। जिन्होंने कहा कि अगर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से इसकी अनुमति मिलती है तो हम यहां से सभी बिल्लियों को ले जाने को तैयार है। पूरे अस्पताल परिसर में कुल 150 से अधिक बिल्लियां हैं, जो कई बार मरीजों व नर्सो को काट चुके हैं। आगे उन्होंने कहा कि कई बार दो बिल्लियां शौचालय में घुस जाया करती है। ऐसे में उनसे बचने के लिए टीकाकरण की व्यवस्था भी की गई है।
इधर, पशु प्रेमी सुष्मिता लाहिड़ी ने एनआरएस अस्पताल के उपाधीक्षक द्विपायन विश्वास को प्रस्ताव दिया है कि अगर अस्पताल अथॉरिटी उन्हें अनुमति प्रदान करता है तो वे यहां बिल्लियों को ले जाने को तैयार है। हालांकि अस्पताल के उपाधीक्षक से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने उक्त विषय पर कोई बयान नहीं दिया। इसके बाद अस्पताल के एमएसवीपी सौरव चट्टोपाध्याय से जब फोन पर संपर्क की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। खैर, सुष्मिता अनुमति की ताक में है और अनुमति मिलने के बाद यहां से बिल्लियों को लेकर सुरक्षित स्थान पर जाएंगी।