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'राष्ट्रपिता' नाम से बापू पर पुस्तक जारी करेगी पश्चिम बंगाल सरकार

पश्चिम बंगाल से बापू का संबंध हमेशा आध्यात्मिक था, 1947 में 15 अगस्त को जब देश आजाद हुआ था तब कोलकाता के नोआखली में हुए दंगों को शांत कराने के लिए बापू कोलकाता में ही मौजूद थे।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 12:03 PM (IST)
'राष्ट्रपिता' नाम से बापू पर पुस्तक जारी करेगी पश्चिम बंगाल सरकार
'राष्ट्रपिता' नाम से बापू पर पुस्तक जारी करेगी पश्चिम बंगाल सरकार

कोलकाता, जेएनएन। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से बताया गया है कि जल्द ही महात्मा गांधी के सभी भाषणों को समेटी हुई एक पुस्तक का प्रकाशन राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा जिसका शीर्षक होगा ''राष्ट्रपिता''। बापू की पुण्यतिथि के मौके पर बुधवार को राज्य के तथ्य सूचना व संस्कृति विभाग की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि पश्चिम बंगाल से बापू का संबंध हमेशा आध्यात्मिक था।

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दरअसल 1947 में 15 अगस्त को जब देश आजाद हुआ था तब कोलकाता के नोआखली में हुए दंगों को शांत कराने के लिए बापू कोलकाता में ही मौजूद थे उन्होंने दंगों को खत्म करने के लिए 72 घंटे का अनशन किया था। देश के बंटवारे से वे बेहद नाराज थे उन्हें मनाने के लिए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कोलकाता आना पड़ा था जिसके बाद वे यहां से वापस लौटे थे। राज्य सरकार इन यादों को समेटना चाहती है इसीलिए बापू पर यह पुस्तक जारी की जा रही है। 1947 में जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तब महात्मा गांधी कोलकाता के बेलियाघाट में हैदरी मंजिल (अब गांधी भवन) में निवास कर रहे थे।

वर्तमान में, गांधी भवन में एक संग्रहालय भी है जिसमें चरखा है, जिसका उपयोग वह तब करते थे जब वह यहां रहते थे। इसके अलावा बंगाल सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती (2 अक्टूबर 2019) मनाने के लिए एक समिति का गठन किया है। मुख्यमंत्री इस 46 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष हैं, जिनकी पहली बैठक 23 अप्रैल, 2018 को हुई थी। ममता बनर्जी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के तमलुक में महात्मा गांधी के नाम पर एक विश्वविद्यालय की आधारशिला भी रखी है। राज्य सरकार ने बापू के नाम पर ''मेधाबी भत्ता'' नामक एक छात्रवृत्ति योजना शुरू की है और कलकत्ता विश्वविद्यालय में उनके नाम के तहत एक कुर्सी भी नामित की है।


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