मशीन के इस्तेमाल से बनाया जाएगा बांग्लार रसगोल्ला, 'मदर डेयरी' ब्रांड के तहत रसगुल्ले की बिक्री शुरू करेगा राज्य
मदर डेयरी ब्रांड के तहत रसगुल्ले की बिक्री शुरू करेगा राज्य रसगुल्ले के भंडारण की अवधि बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा जादवपुर विवि
कोलकाता, जागरण संवाददाता। महानगर के प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों में से एक जादवपुर विश्वविद्यालय के खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग राज्य सरकार के साथ मिलकर 'बांग्लार रसगोल्ला' के भंडारण और उपयोग की अवधि बढ़ाने पर काम कर रहा है।
बता दें कि दो वर्ष पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक्री के लिए बंगाल के रसगुल्ले को जीआई का टैग मिला था। इस संबंध में खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया कि अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) विभाग परिरक्षकों की किस्म पर काम कर रहा है ताकि बंगाल के रसगुल्ले के भंडारण एवं उपयोग की अवधि को बढ़ाया जा सके।
प्रोफेसर ने यह भी बताया कि विवि का आर एंड डी विभाग एक निश्चित समय, छह महीने तक रसगुल्ले के भंडारण और उपयोग की अवधि बढ़ाने के तरीके सुझाने के लिये काम कर रहा है। फिलहाल इस प्रक्रिया का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नहीं हो पाया है।
प्रोफेसर ने बताया कि आने वाले समय में मशीनों के इस्तेमाल से मिठाई का निर्माण किया जाएगा। लेकिन राज्य सरकार का पशु संसाधन विकास विभाग यह बेहतर तरीके से बता सकता है कि बाजार में कब और कैसे यह मिठाई उपलब्ध होगी। वहीं इस बारे में राज्य के पशुपालन मंत्री स्वपन देवनाथ ने कहा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जादवपुर विवि के विशेषज्ञों द्वारा तैयार निर्दिष्ट मानदंडों के आधार पर राज्य एक संयंत्र में स्वचालित मशीनों की सहायता से रसगुल्ला निर्माण करेगा एवं 'मदर डेयरी' ब्रांड के तहत उत्पाद की बिक्री शुरू करेगा।