ममता सरकार की बजट में आम लोगों के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं, लेकिन सवाल कहां से आएगा पैसा?
Union Budget of India 2021 ममता सरकार ने अपने बजट में आम लोगों के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की है। परंतु इसके लिए धन कहां से आएगा? यह बड़ा सवाल है। बजट के माध्यम से ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक को संदेश दे दिया है।
कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। बंगाल में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होना है। ममता सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम वर्ष में किए गए कामकाज का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने के साथ-साथ अंतरिम बजट में लोकलुभावन बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर दी। परंतु राज्य की जो आíथक स्थिति है उसमें यह कैसे पूरा होगा, यह बड़ा सवाल है। क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद ही कहती रही हैं कि 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक ऋण के मूलधन व ब्याज चुकाने में खर्च हो रहे हैं। ऐसे में बजट में जो घोषणाएं हुई है, उसके लिए फंड कहां से आएगा? राज्य में निवेश की स्थिति सर्वविदित है। अंतरिम बजट में 50 करोड़ रुपये का घाटा दर्शाया गया है।
वहीं वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल बजट प्रस्ताव 2,99,688 करोड़ रुपये का है। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र के बीमार रहने की वजह से अंतरिम बजट खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में पेश किया और आशानुरूप उन्होंने घोषणाओं की झड़ी लगा दी। कई ऐसी घोषणाएं की हैं जो आम तौर पर पूर्ण बजट में सरकार की ओर से की जाती है। इस बजट के जरिये ममता ने कहीं न कहीं यह दर्शना की कोशिश की है कि आगामी सरकार उन्हीं की बनने जा रही है। उन्होंने बजट भाषण में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जमकर बखान किया।
अंतरिम बजट पेश करते हुए ममता ने कहा- कोरोना महामारी और एम्फन तूफान के झटके के बावजूद बंगाल ने कई क्षेत्रों में बेहतर कार्य किए। उन्होंने ने दावा किया कि वर्ष 2011 से लेकर 2020 तक बंगाल का जीडीपी 2.7 गुना और राजस्व उगाही 2.9 गुना बढ़ा है। ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल के लोगों ने मुश्किल वक्त में साहस दिखाया है। बंगाल में विदेश से भी निवेश आया है और इसे हम और बढ़ाएंगे। लोगों को 100 दिन काम देने में बंगाल नंबर वन रहा है। लोगों की बेहतरी के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके लगभग 10 वर्षो के कार्यकाल में चार लाख से अधिक रिक्त पद भरे गए हैं और वर्तमान में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 50 हजार और पुलिस में 60 हजार से अधिक पद रिक्त हैं, जिसे आगामी तीन वर्षो में भरने का प्रयास किया जाएगा। इस बात से साफ हो जाता है कि ममता सरकार ने आगामी तीन माह के खर्च के लिए यह अंतरिम बजट पेश नहीं किया है, बल्कि उन्होंने आत्मविश्वास दिखाया है कि आगामी नई सरकार उनकी ही बनने जा रही है।