Move to Jagran APP

हाईकोर्ट में तय होगा पंचायत चुनाव का भविष्य

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ से गुरुवार को अहम फैसला आ सकता है

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 10 May 2018 10:34 AM (IST)Updated: Thu, 10 May 2018 10:34 AM (IST)
हाईकोर्ट में तय होगा पंचायत चुनाव का भविष्य
हाईकोर्ट में तय होगा पंचायत चुनाव का भविष्य

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ से गुरुवार को अहम फैसला आ सकता है। मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से पंचायत चुनाव की सुरक्षा को लेकर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई थी। इस पर खंडपीठ ने सवाल किया था कि यदि चुनाव आयोग राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट है तो फिर कोर्ट क्या कर सकता है?

loksabha election banner

इसी मुद्दे पर गुरुवार को फिर से सुनवाई शुरू होगी और मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य व अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ अपना फैसला सुनाएंगे और इसी फैसले पर 14 मई को होने वाले पंचायत चुनाव का भविष्य निर्भर है। उस दिन मतदान होगा या नहीं।

राज्य सरकारी ओर से अदालत को कहा गया है कि प्रत्येक बूथ पर एक सशस्त्र व एक लाठीधारी पुलिस तैनात रहेंगे। राज्य सरकार चुनाव के लिए 71,500 पुलिस देगी। इसके अलावे 81 हजार सिविक वोलेंटियर भी तैनात रहेंगे। इनमें 61 हजार सशस्त्र पुलिस है। इसके अलावे दस हजार सब इंस्पेक्टर व असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर रहेंगे। 500 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी भी तैनात रहेंगे।

मतदान के दौरान 80,000 लाठीधारी पुलिस रहेगी। अन्य राज्यों से दो हजार पुलिस आ रही है। इस पर न्यायाधीश ने सवाल किया है कि 47100 बूथों के लिए 71 हजार 500 पुलिस पर्याप्त है? मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने महाधिवक्ता से सवाल किया था कि एक बूथ पर एक सशस्त्र पुलिस व एक लाठीधारी पुलिस पर्याप्त है?

वहीं आयोग के अधिवक्ता से पूछा कि क्या इस सुरक्षा व्यवस्था से चुनाव आयोग संतुष्ट है? इस पर आयोग की ओर से कहा गया है कि सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट हैं। अब सब की नजर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ पर टिकी है कि क्या फैसला आता है। क्योंकि, इस फैसले पर ही पंचायत चुनाव का भविष्य टिका है कि 14 मई को मतदान होगा या नहीं। इस बीच ई-नामांकन को लेकर हाईकोर्ट पहले ही फैसला सुना चुका है जिससे नई समस्या शुरू हो गई।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल आयोग की अपील में सामने आई पांच त्रुटि 

पंचायत चुनाव में ई-नामांकन पर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए बुधवार को राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राज्य चुनाव आयोग की ओर से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ में स्पेशल लीव पेटिशन (एसएलपी) दाखिल किया गया है। हालांकि, आयोग की ओर से दायर एसएलपी में पांच त्रुटि मिलने के बाद उसे दुरुस्त कर फिर से अपील करने को कहा गया।

हालांकि, त्रुटिपूर्ण अपील के मुद्दे पर राज्य चुनाव आयोग की ओर से कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया गया। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट आयोग की अपील पर एकतरफा फैसला न सुना दे इसे देखते हुए भाजपा व माकपा की ओर से कैविएट फाइल किया गया है, ताकि सर्वोच्च न्यायालय सभी पक्षों की बातें सुनकर निर्णय ले सके।

बताते चलें कि माकपा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट के न्यायाधीश विश्वनाथ समाद्दार की खंडपीठ ने ईमेल दाखिल नामांकन को लेकर फैसला सुनाया था। इस फैसले में चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया है कि 23 अप्रैल को दोपहर तीन बजे तक जितने भी माकपा प्रत्याशियों ने ईमेल से नामांकन किया है उन्हें स्वीकार जाए।

इस फैसले के खिलाफ आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। साथ ही आयोग की ओर से आग्रह किया गया है कि मामले पर जल्द सुनवाई कर फैसला सुनाया जाए। हालांकि, 14 मई को चुनाव को लेकर आयोग फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहा है। उधर माकपा व भाजपा ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट फाइल कर बता दिया है कि कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.