विधानसभा चुनाव से पहले एक दूसरे को महामारी व वायरस बता तृणमूल और भाजपा बोल रहे हैं हमला
बंगाल में विस चुनाव नजदीक आते ही तृणमूल व भाजपा में जुबानी जंग तेज हो गई है। ममता ने भाजपा को बताया राजनीतिक महामारी भाजपा बोली ओछी राजनीति का वायरस न फैलाएं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में ज्यों-ज्यों विधान सभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे तृणमूल व भाजपा के बीच चुबनी जंग तेज होती जा रही है। तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जेईई और नीट की परीक्षाओं के बहाने छात्रों से अपील कर रही हैं कि आगामी वर्ष विधानसभा चुनावों में भाजपा की 'राजनीतिक महामारी' को हराने के लिए एकजुट हों।
वहीं भाजपा भी पीछे नहीं है और तुरंत पलटवार करते हुए ममता से 'ओछी राजनीति का वायरस' फैलाने से बचने को कह दिया। हर दिन ट्वीटर, फेसबुक से लेकर अन्य डिजिटल माध्यम से भाजपा और तृणमूल के नेता एक दूसरे पर शब्दों के तीखे वाण चला रहे हैं और तरह-तरह के अभियान चला रहे हैं।
तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर ममता ने छात्रों को 'करो या मरो' का नारा दिया। छात्र समुदाय से भाजपा के हमलों पर पलटवार करने का आग्रह करते हुए ममता ने सितंबर में जेईई और नीट की परीक्षाएं कराने के फैसले के लिए केंद्र पर निशाना साधा था।
वहीं भाजपा भी पीछे नहीं है और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार करते हुए सुश्री बनर्जी से छात्रों का भविष्य दांव पर लगाकर 'राजनीति नहीं करने' और 'ओछी राजनीति का वायरस' फैलाने से बचने को कहा। कोरोना काल में एक दूसरे को महामारी व वायरस बोलकर भाजपा व तृणमूल ने सियासत शुरू कर दी।