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कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्लबों को सरकारी अनुदान देने के मामले में राज्य सरकार के पक्ष में सुनाया फैसला

क्लबों को सरकारी अनुदान देने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। हालांकि यह भी कहा कि क्लब किस तरह से अनुदान की राशि खर्च करेंगे राज्य सरकार को निर्देश जारी कर यह बताना होगा।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 07:26 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 07:26 PM (IST)
कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्लबों को सरकारी अनुदान देने के मामले में राज्य सरकार के पक्ष में सुनाया फैसला
क्लबों को सरकारी अनुदान देने का रास्ता साफ । प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। क्लबों को सरकारी अनुदान देने का रास्ता साफ हो गया है। इस मामले में शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने हालांकि यह भी कहा कि क्लब किस तरह से अनुदान की राशि खर्च करेंगे, राज्य सरकार को निर्देश जारी कर यह बताना होगा। राज्य सरकार अगर निर्धारित समय में निर्देश जारी नहीं कर करेगी, तब क्लब प्रबंधन पिछले साल सरकार की तरफ से जारी किए गए निर्देश के मुताबिक उस राशि को खर्च कर सकते हैं।

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उन्हें खर्च की रिपोर्ट अदालत में जमा करनी होगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से पिछले कई वर्षों से क्लबों को अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा से पहले क्लबों को 50-50 हजार रुपये का अनुदान देने की घोषणा की थी। 40,382 क्लबों के लिए 201.91 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।

शुक्रवार को मामले पर हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि कोरोना की परिस्थिति में क्लबों को अनुदान क्यों दिया जा रहा है? इसके जवाब में राज्य के महाधिवक्ता सोमेंद्रनाथ मुखोपाध्याय ने कहा कि क्लब जरूरत के समय लोगों के पास रहते हैं। कोरोना के समय उन्होंने लोगों की काफी मदद की थी। जन कल्याण के काम में क्लबों का सहयोग करने के लिए उन्हें अनुदान दिया जा रहा है।

महाधिवक्ता की दलील पर संतोष जताते हुए अदालत ने अनुदान को मंजूरी दे दी। विरोधी राजनीतिक दलों की तरफ से आरोप लगाया गया था कि सियासी फायदे के लिए ऐसा किया जा रहा है जबकि तृणमूल सरकार ने इससे साफ इन्कार किया था।


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