Move to Jagran APP

मुस्लिमों को पांच एकड़ जमीन दिए जाने पर लेखिका तसलीमा नसरीन ने दागे सवाल

अयोध्‍या मामले में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि दिये जाने पर बांग्‍लादेशी लेखिका तस्‍लमा नसरीन ने सवाल उठाया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 08:27 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 08:27 AM (IST)
मुस्लिमों को पांच एकड़ जमीन दिए जाने पर लेखिका तसलीमा नसरीन ने दागे सवाल
मुस्लिमों को पांच एकड़ जमीन दिए जाने पर लेखिका तसलीमा नसरीन ने दागे सवाल

कोलकाता, जेएनएन। अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाली बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण को पांच एकड़ जमीन देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले में अयोध्या में हिंदुओं को 2.77 एकड़ जमीन दी गई, जबकि मुसलमानों को पांच एकड़ जमीन। मुसलमानों को भी 2.77 एकड़ जमीन ही दी जानी चाहिए थी। तसलीमा ने अयोध्या फैसले पर ट्वीट कर कहा कि यदि मैं जज होती तो मैं अयोध्या की 2.77 एकड़ जमीन सरकार को देती, ताकि वहां पर एक आधुनिक स्कूल का निर्माण कराया जा सके, जिसमें सभी बच्चे मुफ्त में पढ़ाई करें।  

loksabha election banner

इसके अलावा पांच एकड़ जमीन एक अत्याधुनिक अस्पताल बनाने को देती, ताकि वहां मरीजों का मुफ्त में इलाज हो सके। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए तसलीमा ने कहा कि 2.77 एकड़ जमीन हिंदुओं को दी गई। 2.77 एकड़ जमीन ही मुसलमानों को दिया जाना चाहिए था। उन्हें (मुसलमानों) पांच एकड़ जमीन क्यों दी गई? दरअसल, भारतीय राजनीति की दशा और दिशा को बदल देने वाले राम मंदिर मामले पर करीब 70 साल तक चली कानूनी लड़ाई और 40 दिन तक मैराथन सुनवाई के बाद शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में राम मंदिर का रास्ता साफ कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विवादित जमीन पर ही राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवाद वाली जमीन पर ही राम मंदिर का निर्माण होगा। केंद्र को आदेश दिया कि उस जगह मंदिर निर्माण को तीन महीने में ट्रस्ट बनाए और विवादित जमीन को इस ट्रस्ट को सौंपने की योजना भी तैयार करें।

लेखक सलीम खान ने भी उठाया सवाल

अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिमों को दी गई पांच एकड़ जमीन पर स्कूल और अस्पताल बनाया जाना चाहिए। यह बात वयोवृद्ध पटकथा लेखक सलीम खान ने रविवार को कही। बता दें कि शनिवार को सुनाए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने जहां विवादित स्थल पर मंदिर बनाने का निर्देश दिया था, वहीं सरकार से मुस्लिमों को मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने को कहा था। शोले और दीवार जैसी सुपरहिट फिल्म लिखने वाले सलीम खान ने कहा कि एक फिल्म की तरह यह मामला भी खत्म हो गया। अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप इसकी आलोचना करते हैं, इसे अच्छा कहते हैं या नहीं। यह वर्षों से चल रहा था और लंबे समय से खींचा जा रहा था।

Cyclone Bulbul: बंगाल की खाड़ी में क्रूज से बचाए गए 75 यात्री, बुलबुल की आपदा से थे अनभिज्ञ

इतना ही नहीं, यह मामला पहले से कहीं अधिक जटिल भी हो गया था। इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपना पूरा समय लिया और फैसला दिया। अब फैसले के बारे में कुछ भी कहना बेमतलब है। नमाज के लिए मस्जिद की जरूरत पर सलीम खान ने कहा कि इसे कहीं पर भी अदा किया जा सकता है। यहां तक कि अगर आप ट्रेन और विमान में यात्रा कर रहे हैं तो भी इसे अदा कर सकते हैं। नमाज अदा करने के लिए मस्जिद की कोई जरूरत नहीं है। बॉलीवुड स्टार सलमान खान के पिता सलीम ने कहा कि आज की प्राथमिकता स्कूल, कॉलेज और अस्पताल हैं। हमें इनके बारे में सोचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिमों को दी गई पांच एकड़ जमीन पर स्कूल, कॉलेज और अस्पताल बनाना चाहिए। 

कोलकाता पुलिस की नई पहल, वृद्ध माता-पिता उपेक्षा की तो मिलेगी सजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.