तसलीमा ने भाषा आंदोलन से की इस्लामपुर की घटना की तुलना
विवादस्पद बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने इस्लामपुर की घटना की तुलना बांग्लादेश के भाषा आंदोलन से की है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। विवादस्पद बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने इस्लामपुर की घटना की तुलना बांग्लादेश के भाषा आंदोलन से की है। तसलीमा ने कहा कि आजादी मिलने के बाद भारत दो टुकड़ों में बंट गया। देश भारत व पाकिस्तान में विभाजित हो गया।
पश्चिमी पाकिस्तान में अधिकांश उर्दू भाषी लोग थे इसलिए उर्दू वहां की राष्ट्रीय भाषा हो गई लेकिन पूर्वी पाकिस्तान के लोग इसे स्वीकार नहीं कर सके इसलिए क्योंकि पूर्वी पाकिस्तान में बांग्ला भाषी लोगों की संख्या अधिक थी।
बांग्ला भाषी लोग उर्दू भाषा को राष्ट्रीय भाषा के तौर पर स्वीकार नहीं कर सके और बांग्ला भाषा की मान्यता दिलाने के लिए भाषा आंदोलन शुरू हुआ। पाकिस्तान की पुलिस ने भाषा आंदोलन में शामिल छात्र-छात्राओं पर गोलियां चलाई थीं।
पाकिस्तान में पुलिस द्वारा की गई फाय¨रग में अन्य आंदोलनकारियों के अलावा छात्र भी शहीद हुए।
पश्चिम बंगाल में इस्लामपुर की घटना में जिस तरह छात्र पुलिस की गोली से मारे गए हैं, उससे भाषा आंदोलन की घटना की याद ताजा हो उठी है। छात्र बांग्ला भाषा के शिक्षकों की मांग कर रहे थे इसलिए पुलिस ने उनपर गोली चला दी।