कोलकाता में मनाया जा रहा स्वर्णिम विजय वर्ष, हुगली नदी पर भारतीय नौसेना ने किया शानदार प्रदर्शन
स्वर्णिम विजय वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान दो वॉटरजेट फास्ट अटैक क्राफ्ट चार नेवी पैट्रोल बोट एक-एक सी किंग एंड चेतक हेलीकॉप्टर एक मरीन कमांडो टीम और एक गांर्ड एयर कुशन वेसल ने ओप डेमो कार्यक्रम का प्रदर्शन किया।
कोलकाता, एएनआइ। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे 'स्वर्णिम विजय वर्ष' उत्सव के उपलक्ष्य में भारतीय नौसेना ने 20 मार्च को हुगली नदी पर एक प्रदर्शन किया। इस दौरान दो वॉटरजेट फास्ट अटैक क्राफ्ट, चार नेवी पैट्रोल बोट, एक-एक सी किंग एंड चेतक हेलीकॉप्टर, एक मरीन कमांडो टीम और एक गांर्ड एयर कुशन वेसल ने 'ओप डेमो' कार्यक्रम का प्रदर्शन किया।
As part of Swarnim Vijay Varsh 2021 celebrations at Kolkata, Indian Navy conducted a maiden Operational Demonstration on Hooghly River on 20th March. pic.twitter.com/btnMrsP7AC
— ANI (@ANI) March 22, 2021
बता दें कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने पर भारत सरकार और तीनों सशस्त्र सेनाएं 'स्वर्णिम विजय वर्ष' मना रही है। इसके तहत पिछले साल 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए स्वर्णिम विजय मशाल रवाना की थीं। इनमें से एक विजय मसाल आजकल कोलकाता और आसपास के ऐतिहासिक स्थानों, तीनों सशस्त्र सेनाओं के बेसों व प्रमुख सरकारी संस्थानों का भ्रमण कर रही है।
19 मार्च को इस कड़ी में कोलकाता स्थित पूर्वी वायुसेना कमान के एडवांस हेडक्वार्टर में स्वर्णिम विजय मशाल के पहुंचने पर भव्य स्वागत के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था। स्वर्णिम विजय वर्ष कार्यक्रम में पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा (रिटायर्ड) समेत वायुसेना के कई पूर्व वेटरंस और 1971 के युद्ध में शामिल होने वाले कई वायु योद्धा मौजूद भी थे। इस मौके पर पूर्वी वायुसेना कमान के एडवांस हेडक्वार्टर के एयर ऑफिसर कमांडिंग एयर कमोडोर नीलेश जोशी ने स्वर्णिम विजय मशाल को रिसीव किया।
इस दौरान विजय मशाल का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। इसके साथ ही वायुसेना के अधिकारियों ने समारोह में उपस्थित पूर्व अधिकारियों और 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले योद्धाओं को सम्मानित किया। इस समारोह में पूर्वी सेना कमान के भी कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 1971 के युद्ध में जीत की प्रतीक विजय मशाल के आगमन पर वायुसेना के अधिकारियों और कर्मियों ने युद्ध के योद्धाओं को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। कार्यक्रम के अंत में स्वर्णिम विजय मशाल को सैन्य दल को सौंप दिया गया।