पश्चिम बंगाल झाड़ग्राम में स्वर्णरेखा नदी का जल स्तर बढ़ने का अंदेशा, सतर्कता
स्वर्णरेखा नदी पर बने बांध से पानी छोड़े जाने से बंगाल के झाड़ग्राम जिला अंतर्गत गोपीबल्लभपुर व नयाग्राम समेत अन्य प्रखंडों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
खड़गपुर, जेएनएन। पड़ोसी राज्य झारखंड के गालूडीह स्थित स्वर्णरेखा नदी पर बने बांध से पानी छोड़े जाने से बंगाल के झाड़ग्राम जिला अंतर्गत गोपीबल्लभपुर व नयाग्राम समेत अन्य प्रखंडों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। जिला प्रशासन की ओर से सतर्कता बरती जा रही है। लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
हालांकि शासकीय अधिकारी बाढ़ जैसे हालात की संभावना से इन्कार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को झारखंड के गालूडीह बांध से 1 लाख 67 हजार 956 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। स्वर्णरेखा नदी से होते हुए यह पानी झाड़ग्राम जिले के विभिन्न प्रखंडों में पहुंचेगा। इस बीच बारिश होने से समस्या और गहरा सकती है।
जानकारी हो कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने झारखंड में पड़ने वाली नदियों के कायाकल्प की योजना तैयार की है। इनमें स्वर्णरेखा, नलकरी, गरगा, शंख, जुमार, कोनार, दामोदर शामिल हैं। इस काम में आमलोगों के साथ-साथ विभागों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गयी है। साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिये गये निर्देशों का भी ख्याल रखा गया है।
नदियों के कायाकल्प के लिए बोर्ड ने पूरा अध्ययन कराया है। इन नदियों से हर दिन करीब 614 मेगालीटर प्रति दिन (एमएलडी) कचरा निकलता है। योजना के तहत नदियों में आनेवाले इस कचरे को रोकने की भी रणनीति बनायी जायेगी। बोर्ड ने तय किया है कि 2021 तक राज्य की सभी नदियों को दुरुस्त कर दिया जायेगा।
प्रदूषण बोर्ड ने सभी नदियों के किनारे पड़ने वाले 79 गांवों को चिन्हित किया है। इसमें कुल 7663 परिवार हैं।आबादी करीब 50 हजार से अधिक होगी। नदियों के किनारे में वैक्सपॉल, एचइसी, तुपुदाना, टाटा स्टील, आधुनिक, टायो, टाटा मेंटेनेंस आदि निजी कंपनियां पड़ती हैं। रांची और जमशेदपुर नगर निगम भी है।
नदियों को साफ करने के लिए विभागों के साथ तालमेल जरूरी है। जिला स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी बनायी जायेगी। यही टीम विभागों से तालमेल बनाकर योजना तैयार करेगी। जिला में उपायुक्तों की अध्यक्षतावाली कमेटी समय-समय पर नदियों को प्रदूषण से बचाने के उपायों की समीक्षा करेंगे।
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