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सुवेंदु अधिकारी ने कहा- बंगाल में लक्ष्मी भंडार योजना से तीन करोड़ महिलाओं को वंचित करना चाहती ममता सरकार

बंगाल भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस योजना से तीन करोड़ महिलाओं को वंचित करने की कोशिश कर रही है। दो करोड़ से महिलाओं को ही इस योजना में शामिल करने की योजना है। राज्य में महिलाओं की आबादी पांच करोड़ है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 13 Aug 2021 09:25 AM (IST)Updated: Fri, 13 Aug 2021 09:25 AM (IST)
सुवेंदु अधिकारी ने कहा- बंगाल में लक्ष्मी भंडार योजना से तीन करोड़ महिलाओं को वंचित करना चाहती ममता सरकार
बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। ममता सरकार द्वारा हर जरूरतमंद परिवार के लिए एक निश्चित आय सुनिश्चित करने के लिए चुनाव में किए गए वादे के अनुसार लक्ष्मी भंडार योजना अगले महीने शुरू किए जाने से पहले इस पर विवाद शुरू हो गया है। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस योजना से तीन करोड़ महिलाओं को वंचित करने की कोशिश कर रही है।

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प्रदेश भाजपा मुख्यालय में सुवेंदु ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि हाल में संपन्न चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सभी महिलाओं को इस योजना का लाभ देने की बात कही थी। लेकिन देखा जा रहा है कि दो करोड़ से कुछ अधिक महिलाओं को ही इस योजना में शामिल करने की योजना है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की आबादी पांच करोड़ है।

उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार की ओर से आशा एवं आईसीडीएस कर्मियों आदि को इस योजना का लाभ पाने वालों की सूची से बाहर कर दिया गया है। जिसके बाद दो करोड़ से कुछ अधिक महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि जब चुनावी घोषणा पत्र में सभी महिलाओं को हर महीने पैसा देने की बात कही गई थी तो अब तीन करोड़ महिलाओं को इससे क्यों वंचित किया जा रहा है? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनकल्याण से जुड़ी किसी भी योजना के खिलाफ वह नहीं है।

उन्होंने राज्य सरकार को नसीहत दी कि ऋण लेकर नहीं बल्कि राजस्व बढ़ाकर राज्य सरकार इस प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत यदि राज्य सरकार सभी महिलाओं को अपने वादे के अनुसार भत्ता देती है तो इस पर प्रत्येक महीने लगभग 1600- 1700 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। वहीं, वर्तमान में राज्य सरकार पर साढ़े चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण है।

उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में इस तरह की योजना चलाने के लिए राज्य सरकार को और ऋण लेना होगा। उन्होंने कटाक्ष किया कि फंड जुटाने के लिए अब राज्य सरकार 100 दिनों के मनरेगा योजना के के तहत कार्य करने वाले लोगों का नाम भी हटा सकती है। इसके साथ ही ममता बनर्जी द्वारा चुनाव के दौरान राज्य के हर व्यक्ति को मुफ्त में कोरोना की वैक्सीन दिए जाने के किए गए वादे को लेकर भी सुवेंदु ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपना एक भी वादा निभाने में विफल है। राज्य सरकार ने अभी तक मात्र 18 लाख वैक्सीन ही खरीदी है। 


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