Bengal Politics: बिना वारंट के आफिस की तलाशी लेने के मामले में सुवेंदु अधिकारी को केस दर्ज करने की अनुमति
सुवेंदु अधिकारी का सवाल है कि पुलिस बिना वारंट के किसी विधायक के कार्यालय और घर की तलाशी कैसे ले सकती है। वह घर उनका कार्यालय नहीं उनका घर है। उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति की पीठ में आरोपों को लेकर पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बिना वारंट के आफिस की तलाशी लेने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को केस दर्ज करने की अनुमति दे दी है। बता दें कि सुवेंदु अधिकारी ने गत रविवार को दावा किया था कि पुलिस बिना किसी पूर्व सूचना या तलाशी वारंट के नंदीग्राम में उनके आधिकारिक विधायी कार्यालय-सह-निवास में घुस गई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह ममता सरकार द्वारा बल का घोर दुरुपयोग है। दूसरी तरफ पुलिस ने छापेमारी के संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया है।
सुवेंदु अधिकारी का सवाल है कि पुलिस बिना वारंट के किसी विधायक के कार्यालय और घर की तलाशी कैसे ले सकती है। वह घर उनका कार्यालय नहीं, उनका घर भी है। उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ में आरोपों को लेकर पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी। जज ने केस दर्ज करने की भी इजाजत दे दी।
दूसरी ओर बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के कार्यालय पर पुलिस की कथित छापेमारी को लेकर बंगाल के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी द्वारा दी गई सूचना से असंतुष्ट राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अब इस प्रकरण पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि पुलिस की कार्रवाई, वीडियो और सुवेंदु के इनपुट पुलिस और प्रशासन की लगातार देखी जा रही राजनीतिक भूमिका को दर्शाती है। राज्यपाल ने कहा कि मुख्य सचिव ने केवल डीजीपी की रिपोर्ट को आगे बढ़ाया, जिसमें इस मसले पर ध्यान ही नहीं दिया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जो काम तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता करते रहे हैं, वही अब पुलिस करने लगी है। ममता बनर्जी ने पुलिस को पार्टी का गुलाम बना लिया है और पुलिस वाले भी गुलामी करने से पीछे नहीं हट रहे। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के हेस्टिंग्स स्थित कार्यालय में भी हमले हुए हैं। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में भी हमले होते रहे हैं। राज्यभर में मौजूद पार्टी के कार्यालयों में हमले होना नई बात नहीं है लेकिन अब तक के सारे हमले तृणमूल के लोग करते थे जबकि अब पुलिस वाले भी यही काम करने लगे हैं। सच्चाई यही है कि बंगाल में कानून-व्यवस्था है ही नहीं।