West Bengal: सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर की याचिका, मांगी सुरक्षा
West Bengal सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में सुरक्षा को लेकर दायर याचिका के जरिए अपनी राजनीतिक रैलियों में आने-जाने के दौरान पर्याप्त पुलिस सुरक्षा की मांग की है। भाजपा में शामिल होने के कुछ दिनों बाद ही उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलकर अपनी सुरक्षा पर चिंता जताई थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal: केंद्रीय से सुरक्षा व बुलेट प्रूफ गाड़ी मिलने के बावजूद भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अब उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में बुधवार को याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से रैलियों में आने-जाने के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। कुछ दिनों पहले नंदीग्राम स्थित अधिकारी के दफ्तर में तोड़फोड़ हो गई थी, जिसका आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगाया था. हालांकि, तृणमूल ने इसका दोष भाजपा के सर मढ़ा दिया था। सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में सुरक्षा को लेकर दायर याचिका के जरिए अपनी राजनीतिक रैलियों में आने-जाने के दौरान पर्याप्त पुलिस सुरक्षा की मांग की है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब अधिकारी अपनी सुरक्षा को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं। भाजपा में शामिल होने के कुछ दिनों बाद ही उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलकर अपनी सुरक्षा पर चिंता जताई थी। बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जिन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है उनके काफिले पर हमला हुआ था।
तृणमूल कांग्रेस छोड़कर हाल में भाजपा में शामिल होने वाले कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी के परिवार से अब तृणमूल का मोहभंग हो गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से बंगाल की राजनीति में दबदबा रखने वाले अधिकारी परिवार को पूरी तरह से पार्टी से किनारे किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब तृणमूल ने बुधवार को सुवेंदु के पिता व वरिष्ठ पार्टी सांसद शिशिर अधिकारी को पूर्व मेदिनापुर के जिला अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया है।इससे पहले एक दिन पूर्व ही मंगलवार को शिशिर अधिकारी को दीघा शंकरपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीएसडीए) के अध्यक्ष पद से हटाया गया था। दरअसल, हाल ही में तृणमूल सांसद शिशिर अधिकारी के दो बेटे सुवेंदु अधिकारी और सौमेंदु अधिकारी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं। शिशिर अधिकारी को तृणमूल के जिला अध्यक्ष पद से हटाकर जिले का चेयरमैन बनाया गया है। ये पद सिर्फ औपचारिकता के लिए सम्मान स्वरूप दिया गया है। दरअसल, तृणमूल में जिला चेयरमैन पद की कोई पावर नहीं होती है। तृणमूल में जिला अध्यक्ष के पद की ही पावर होती है।