West Bengal: ओलंपिक में जगह बनाने वाली सुतीर्था को अब सता रही स्पांसर की चिंता
24 परगना जिले के नैहाटी इलाके के बनर्जी पाड़ा की रहने वाली सुतीर्था ने चार साल की उम्र में टेबल टेनिस का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। कम उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना शुरू कर दिया था और अब भारतीय टेबल टेनिस की नई सनसनी बनकर उभरी है।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच बंगाल की एक बेटी ने बड़ा कमाल कर दिखाया है। 25 साल की सुतीर्था मुखर्जी ने दोहा में हुए एशियन टेबल टेनिस टूर्नामेंट में हमवतन मनिका बत्रा को हराकर ओलंपिक का टिकट पक्का कर लिया है। इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करके सुतीर्था खुश भी है और चिंतित भी। दोहा से फोन पर बातचीत में सुतीर्था ने कहा- मैंने जब से टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था, तब से ओलंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देख रही थी। इसके लिए पिछले पांच साल मैंने कड़ी मेहनत भी की है। मेरा सपना अब पूरा होने जा रहा है। मुझे इसकी बहुत खुशी है लेकिन चिंता भी है। मैं ओलंपिक में अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन करना चाहती हूं।
मुझे पता है कि खेलों के सबसे बड़े मंच में मुझे सर्वोत्तम खिलाडिय़ों के खिलाफ खेलना है। इसके लिए मुझे खुद को और बेहतर बनाना होगा। अभी हाथ में चार महीने का वक्त है। मैं यूरोप जाकर ट्रेनिंग लेना चाहती हूं। इसके लिए स्पांसर की जरुरत पड़ेगी। पता नहीं, मिल पाएगा भी कि नहीं।
सुतीर्था ने आगे कहा-'सोमवार को कोलकाता लौट रही हूं। आकर कोच पौलमी घटक व सौम्यदीप राय से विचार-विमर्श करके ओलंपिक की तैयारियों में लगूंगी। मूल रूप से उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी इलाके के बनर्जी पाड़ा की रहने वाली सुतीर्था ने महज चार साल की छोटी सी उम्र में टेबल टेनिस का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। बेहद कम उम्र में ही उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना शुरू कर दिया था और अब भारतीय टेबल टेनिस की नई सनसनी बनकर उभरी है।
सुतीर्था का परिवार बेटी की इस उपलब्धि से बेहद खुश है। पिता अभिजीत मुखर्जी ने कहा-'किसी भी खिलाड़ी के पिता के लिए इससे गर्व की बात और क्या हो सकती है कि उसकी बेटी ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करेगी।
मां नीता मुखर्जी ने कहा-'मैं बेटी के घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। आने पर उसे उसकी पसंद का खाना खिलाऊंगी।