बंगाल में भाजपा की रैली व सभाओं को इजाजत दे ममता सरकारः सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court. बंगाल में भाजपा की रथयात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने माना कि कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की चिंता सही है।
कोलकाता, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ममता सरकार से भाजपा की रैली और सभाओं को इजाजत देने को कहा है। भाजपा की रथयात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने माना कि कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की चिंता सही है। भाजपा से सरकार को ऐसा कार्यक्रम देने को कहा, जिससे सरकार की चिंता दूर हो सके।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई को अधिकारियों के साथ अपनी प्रस्तावित रथ यात्रा का संशोधित कार्यक्रम प्रस्तुत करने और आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए कहा।
जस्टिस एलएन राव और एसके कौल की बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह संविधान के तहत भाषण और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार को ध्यान में रखते हुए रथ यात्रा के लिए भाजपा के संशोधित कार्यक्रम पर विचार करे।
पीठ ने कहा कि संभावित कानून व्यवस्था की राज्य सरकार की आशंका को निराधार नहीं कहा जा सकता है और भाजपा को उचित तरीके से आशंका का समाधान करने के लिए सभी संभव कदम उठाने होंगे।
जानें, क्या है मामला
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल में आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर 42 जगहों पर रथयात्रा निकालने की योजना है। जिसे भाजपा लोकतंत्र बचाओ रैली का नाम दे रही है। लेकिन राज्य की ममता सरकार ने भाजपा को रैली निकालने की अनुमति नहीं दी है। जिस पर पार्टी पहले राज्य की हाईकोर्ट गई और वहां से रथयात्रा की अनुमति लेकर आई। हालांकि, इस अनुमति पर डबल बेंच ने फिर से रोक लगा दी। जिसके बाद पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और मामले की सुनवाई तय हो गई थी।
संपत्ति का नुकसान होने पर भाजपा जिम्मेदार
अदालत ने भाजपा को भी स्पष्ट किया था कि यात्रा कानून के दायरे में रहते हुए निकाली जाएगी। अगर इस दौरान सरकारी संपत्ति का नुकसान होता है तो इसके लिए भाजपा जिम्मेदार होगी। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें सांप्रदायिक तनाव की आशंका जताई गई थी। कोर्ट ने कई निर्देश भी दिए न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती ने राज्य भाजपा को निर्देश दिया कि किसी भी जिले में रथयात्रा के प्रवेश से कम से कम 12 घंटे पहले उक्त जिले के पुलिस अधीक्षक को सूचित कर दिया जाए। सामान्य यातायात व्यवस्था बाधित ना हो। अदालत ने पुलिस अधिकारियों को भी पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने के साथ यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि कहीं भी कानून का उल्लंघन ना हो।