ताजपुर गहरा समुद्र पोर्ट खुद बनाएगी राज्य सरकार: ममता
- केंद्र के साथ ममता सरकार ने तोड़ा करार, फिर बढ़ा तकरार -नई कंपनियों को 75.35 एकड़ भूमि
- केंद्र के साथ ममता सरकार ने तोड़ा करार, फिर बढ़ा तकरार
-नई कंपनियों को 75.35 एकड़ भूमि देने का लिया गया निर्णय
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के साथ टकराव में जाने का एक और कदम उठाया है। केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त उद्यम में बनने वाले पूर्व मेदिनीपुर के ताजपुर गहरा समुद्र बंदरगाह के निर्माण से भी मुख्यमंत्री पीछे हट गईं। बुधवार को नवान्न में उद्योग पर मंत्री समूह की बैठक करने के बाद ममता ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ताजपुर बंदरगाह राज्य सरकार खुद बनाएगी। संयुक्त उद्यम में बंदरगाह का निर्माण करने के लिए करार होने के तीन साल बीत जाने के बावजूद केंद्र ने अभी तक कोई तत्परता नहीं दिखाई। इसलिए राज्य सरकार ने अब खुद ताजपुर समुद्र बंदरगाह निर्माण करने का निर्णय किया है। वित्त व उद्योग मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि खुद अपने बूते बंदरगाह बनाने का मुख्यमंत्री का निर्णय सराहनीय है। ताजपुर बंदरगाह के साथ कुल्पी नदी बंदरगाह भी राज्य सरकार तैयार करेगी।
इसके पहले शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि मंत्री समूह की बैठक में उद्योग लगाने की इच्छुक कुछ नई कंपनियों को 75.35 एकड़ भूमि देने का निर्णय किया गया। कुछ कंपनियां राज्य में उद्योग लगाने के लिए जमीन की मांग कर रही थी। ब्रिटानिया कंपनी भी अपनी नई इकाई लगाने के लिए जमीन तलाश रही थी। ब्रिटानिया ने राज्य में अपनी प्रस्तावित नई इकाई में 300 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव दिया था। कुछ नई कंपनियों के राज्य में उद्योग लगाने के प्रस्ताव को देखते हुए उन्हें जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया। मंत्री समूह की बैठक में उद्योग लगाने के लिए 75.35 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया। यह भूमि कंपनियों को विभिन्न इंडस्ट्रीज पार्क में दी जाएगी। इनमें जरूरत के मुताबिक आठ कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए जमीन मिलेगी। कुल 750 करोड़ रुपये का निवेश होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।