बंगाल में सिलेबस के लोड को कम करेगा राज्य बोर्ड, हटाए गए अध्याय बड़ी कक्षाओं से जुड़ेंगे,CISCE भी सहमत
राज्य सरकार ने सिलेबस सुधार समिति को पुनरावृत्ति और समय लेने वाले अध्याय समाप्त करते हुए वैचारिक और वर्ग विशेष के प्रासंगिक विषयों को बनाए रखने का सुझाव दिया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। राज्य सरकार ने सिलेबस सुधार समिति को सलाह दी है कि वह माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परिषद दोनों के साथ बातचीत करके पाठ्यक्रम भार को कम करने पर चर्चा शुरू करे। सूत्रों ने कहा कि समिति ने किसी भी पुनरावृत्ति और समय लेने वाले अध्यायों को समाप्त करते हुए वैचारिक और वर्ग विशेष के प्रासंगिक विषयों को बनाए रखने का सुझाव दिया है। हटाए गए अध्यायों को उच्च कक्षाओं में जोड़ा जाएगा। सीआईएससीई से संबद्ध स्कूलों ने भी नए पाठ्यक्रम के आधार पर कक्षा अनुसूची को फिर से तैयार करना शुरू कर दिया है।
स्कूल प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, राज्य-बोर्ड स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे दूर के कोनों में रहते हैं जिनका कोई इंटरनेट कनेक्शन नहीं है इसलिए, पाठ्यक्रम में 35 -50 फीसद की कमी आने की संभावना है, क्योंकि वह चार महीने का समय पहले ही खो चुके हैं। कक्षाओं के नुकसान की भरपाई के लिए जिन तरीकों का पता लगाया जा रहा है, उनमें से एक स्कूल के समय के निर्देशों को जोड़ना या शनिवार को कक्षाएं आयोजित करना। हालांकि, माध्यमिक बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि निर्देशित समय की "वास्तविक" हानि इस समय लगभग दो महीने है। गर्मियों की छुट्टियां बढ़ा दी गईं। एक पाठ्यक्रम की मात्रा जिसे हटा दिया जाना है, कक्षाओं के फिर से खोलने पर निर्भर करता है।
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि बोर्ड सामग्री के आधार पर अध्यायों को छोड़ देंगे और केवल पाठ्यक्रम के किसी भी महत्वपूर्ण "प्रतिशत" को नहीं हटाएंगे। सीआईएससीई से संबद्ध स्कूलों ने शनिवार को प्रस्तावित पाठ्यक्रम के विषय-वार विस्तृत विश्लेषण की शुरुआत की क्योंकि परिषद द्वारा एक दिन पहले ही जारी पाठ्यक्रम को जारी कर दिया गया था।
स्कूल अब सुझाए गए नए सिलेबस और प्राथमिकता के अनुसार शिक्षण के आधार पर, ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान करने की अपनी संरचना पर काम कर रहे हैं। स्कूल उस अनुक्रम का अनुसरण कर रहे हैं जिसमें परिषद द्वारा कर्टेल्ड सिलेबस अपलोड किया गया है। सेंट्रल मॉडर्न स्कूल के प्रिंसिपल नबारुण दे ने कहा, "चूंकि अध्यायों को कम करने की एक और संभावना है, हम विषयों के अनुक्रम का अनुसरण कर रहे हैं।"