Bengal Chunav 2021: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा- सुवेंदु के लिए भाजपा के द्वार हमेशा खुले हुए हैं
तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के साथ अपना 20 साल का रिश्ता तोड़ लिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इससे एक दिन पहले उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
कोलकता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस के बागी नेता सुवेंदु अधिकारी के गुरुवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि उनके लिए भाजपा के द्वार हमेशा खुले हुए हैं। घोष ने साथ ही कहा कि सुवेंदु तृणमूल के अंदर मानसिक रूप से बेहद तनाव में थे और अब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे के बाद उनको इससे मुक्ति मिल गई है।
उन्होंने कहा कि सुवेंदु जनाधार वाले नेता हैं और वह शुरू से ही कह रहे हैं कि यदि भाजपा में आते हैं तो हम उनका स्वागत के लिए तैयार हैं। दरअसल सुवेंदु के एक-दो दिन में ही भाजपा में शामिल होने की प्रबल संभावना है। हुगली जिले के सिंगुर विधानसभा क्षेत्र के बूड़ी ग्राम इलाके में पार्टी द्वारा आयोजित चाय पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष एवं सांसद दिलीप घोष ने कहा कि पहले ममता बनर्जी के डर से तृणमूल के नेता मुंह नहीं खो रहे थे, लेकिन भाजपा को पाकर अब ममता की ही पार्टी के लोग उनके विरोध में जहर उगलने लगे है।
आज हिम्मत के साथ सत्ताधारी पार्टी के नेता एव मंत्री तृणमूल के विरोध में आवाज़ उठाते हुए भाजपा में शामिल हो रहे हैं। जो लोग जनता की सेवा करना चाहते है ऐसे लोगों का भाजपा में स्वागत है। घोष ने कहा कि ममता बनर्जी के कारण आज सिंगुर का विकास नहीं हो पाया। टाटा मोटर्स की नैनो कारखाने लगने से सिंगुर के हजारों बेरोजगारों को काम मिलता। लेकिन ममता बनर्जी की ज़िद ने सिंगुर के विकास पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद सिंगुर में फिर से उद्योग घंधे लगाएं जाएंगे। वहीं, नारद स्टिंग कांड के विषय पर उन्होंने कहा कि जो भी लोग दोषी करार दिए जाएंगे उन्हें सजा ज़रूर मिलेंगी।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के साथ अपना 20 साल का रिश्ता तोड़ लिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इससे एक दिन पहले बुधवार को उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, पिछले महीने 27 नवंबर को उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। सुवेंदु पिछले कुछ समय से पार्टी नेतृत्व के साथ लगातार दूरी बनाकर चल रहे थे। हालांकि उन्हें मनाने की तृणमूल ने पूरी कोशिश की लेकिन बात नहीं बनीं।