कोलकता के हुगली डलहौजी जूट मिल में प्रबंधन एवं मजदूरों के बीच विवाद के चलते गतिरोध जारी
मिल में काम करने वाले करीब चार हजार श्रमिकों के सामने रोजी- रोटी की समस्या। हुगली के चांपदानी स्थित डलहौजी जूट मिल में लाॅकडाउन के समय प्रबंधन के साथ हुए विवाद के बाद से श्रमिकों ने मिल में काम करना बंद कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकता। हुगली जिले के चांपदानी स्थित डलहौजी जूट मिल में लाॅकडाउन के समय प्रबंधन के साथ हुए विवाद के बाद से श्रमिकों ने मिल में काम करना बंद कर दिया है। प्रबंधन एवं मजदूरों के बीच विवाद के चलते मिल में दोबारा काम शुरू होने को लेकर गतिरोध जारी है। श्रमिकों का आरोप है कि पहले टिफिन करने के लिए प्रबंधन की ओर से आधा घंटे का समय दिया जाता था, लेकिन लाॅकडाउन पीरियड में इसे घटाकर केवल 20 मिनट कर दिया गया है। जिसके कारण उन्हें काम करने में दिक्कतें हो रही है।
मालूम हो कि बीते दिनों इसी समस्या को लेकर तांत विभाग के मजदूरों एवं प्रबंधन के बीच कहासुनी हुई थी। आरोप है कि इसके बाद प्रबंधन ने इस विभाग के चार श्रमिकों को काम से निकाल कर गेट बाहर कर दिया था। मिल अधिकारी की ओर से की गई कार्रवाई के बाद मजदूरों ने मिल में काम करना बंद कर दिया और हड़ताल पर चले गए। इधर, प्रबंधन एवं मजदूरों के बीच हुए विवाद में जारी गतिरोध के चलते एक बार फिर इस मिल में काम करने वाले करीब चार हजार श्रमिकों के सामने रोजी- रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
वहीं, एक के बाद एक विभाग में काम बंद होने से अब पूरे मिल में उत्पादन बंद हो गया है। मजदूरों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा पुराने नियमों के अनुसार जब तक टिफिन का टाइम नही किया जाता तथा काम से निकाले गए चारों मजदूरों को वापस नही लिया जाएगा, तबतक हमलोग काम पर वापस नहीं जाएंगे।
बताते चलें कि हुगली जिले में कुल दस जूट मिलें है। इनमें में श्रीरामपुर की इंडिया तथा रिसड़ा की वालिग्टन जूट मिल पहले से ही बंद पड़ा है। जो मिलें चल रही है उनमें लॉकडाउन के चलते इस समय सरकारी नियम के अनुसार करीब 40 फीसद मजदूर ही काम पर जा रहे हैं। पूरे राज्य की बात करें तो इस समय 13 जूट मिलों में ताला लगा हुआ है। इधर, राज्य के नवनियुक्त श्रम मंत्री बेचाराम मन्ना का कहना है बंद पड़े जूट मिलों को तत्काल कैसे खोला जाए, इस विषय पर सरकार गंभीरता के साथ काम कर रही है।