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Assembly Special Session: बंगाल विधानसभा में दो संशोधन विधयक ध्वनि मत से पारित, तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ ममता

West Bengal Assembly Special Session हंगामा के बीच बंगाल की ममता सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग के साथ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया। वहींसदन में भारी हंगामा करने और जय श्रीराम के नारा लगाते हुए भाजपा विधायकों ने वाकआउट किया।

By PRITI JHAEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 09:52 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 08:28 PM (IST)
Assembly Special Session: बंगाल विधानसभा में दो संशोधन विधयक ध्वनि मत से पारित, तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र को इन तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal Assembly Special Session: राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल विधानसभा ने अदालती शुल्क तथा कृषि विश्वविद्यालयों से संबंधित दो संशोधन विधेयकों को गुरुवार को मंजूरी दे दी। राज्य के कानून मंत्री मलय घटक ने पश्चिम बंगाल अदालती-शुल्क (अधिनियम) विधेयक, 2021 पेश करते हुए कहा कि इससे इलेक्ट्रॉनिक और गैर इलेक्ट्रॉनिक दोनों माध्यमों से अदालती शुल्क का भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने सदन को बताया कि कामकाज को आसान बनाने के लिए संशोधन की जररूत थी। राज्य के कृषि मंत्री आशीष बनर्जी ने पश्चिम बंगाल कृषि विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। दोनों ही विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

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ममता सरकार ने भी तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में पारित किया प्रस्ताव

हंगामा के बीच बंगाल की ममता सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग के साथ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया। वहीं,सदन में भारी हंगामा करने और जय श्रीराम के नारा लगाते हुए भाजपा विधायकों ने वाकआउट किया। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र को इन तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए या सत्ता छोड़ देनी चाहिए। भाजपा के विधायकों के हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा प्रस्ताव रखने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन कानूनों को निरस्त करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।

चटर्जी द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के तुरंत बाद विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया। भाजपा के विधायक दल के नेता मनोज तिग्गा के नेतृत्व में पार्टी के विधायक सदन में स्पीकर के आसन के करीब पहुंच गए और दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार कानूनों के खिलाफ ‘भ्रामक अभियान’ चला रही है। बाद में ‘जय श्री राम’ का उद्घोष करते हुए तिग्गा के साथ पार्टी के विधायक सदन से बाहर चले गए। उस दौरान ममता सदन में मौजूद थी।

सुश्री बनर्जी ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस किसानों की ट्रैक्टर परेड को सही तरीके से नियंत्रित नहीं कर पाई, जिस कारण से गणतंत्र दिवस के दिन स्थिति हाथ से बाहर निकल गई। ममता ने कहा कि इसके लिए दिल्ली पुलिस को दोष देना चाहिए। दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी? यह खुफिया तंत्र की नाकामी है। हम किसानों को गद्दार बताया जाना बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे इस देश की संपत्ति हैं। इससे पहले गैर भाजपा शासित राज्य पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, केरल, दिल्ली और पुडुचेरी की सरकार भी प्रस्ताव पारित कर चुकी है।

हालांकि, वाममोर्चा और कांग्रेस विधायक दल के नेता पहले से कहते रहे हैं कि ममता सरकार को प्रस्ताव लाने का कोई हक नहीं है। क्योंकि, एेसे ही कानून कई साल पहले वह बंगाल में लागू किया था।


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