West Bengal : स्कूल के लिए आधी कीमत पर मिली सरकारी जमीन लौटा नहीं पा रहे सौरव गांगुली
सौरव को 2013 में न्यूटाउन एक्शन एरिया-1 में 11 करोड़ की लागत वाली दो एकड़ जमीन राज्य सरकार की तरफ से आधे दाम में आवंटित की गई थी। आवंटन के बाद से ही यह जमीन विवादों में घिर गई थी जिसके कारण इसपर सौरव स्कूल का निर्माण नहीं करा पाए।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली स्कूल के निर्माण के लिए उन्हें आधी कीमत पर आवंटित की गई सरकारी जमीन लौटा नहीं पा रहे। सौरव को 2013 में न्यूटाउन एक्शन एरिया-1 में 11 करोड़ की लागत वाली दो एकड़ जमीन राज्य सरकार की तरफ से आधे दाम में आवंटित की गई थी। आवंटन के बाद से ही यह जमीन विवादों में घिर गई थी, जिसके कारण इसपर सौरव स्कूल का निर्माण नहीं करा पाए।
आखिरकार उन्होंने इसे सरकार को लौटाने का फैसला किया और इस साल अगस्त में सरकारी संस्था हिडको के पास आवेदन किया। आमतौर पर सरकारी जमीन की वापसी की प्रक्रिया में ज्यादा वक्त नहीं लगता लेकिन सौरव के मामले में चार महीने बीत जाने पर भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
सूत्रों से पता चला है कि सौरव का आवेदन हिडको से शहरी विकास व वित्त विभाग होते हुए राज्य सचिवालय नवान्न पहुंचा है और उनकी फाइल अभी वहीं फंसी हुई है। सौरव ने हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। पता चला है कि इस दौरान उन्होंने इस मसले पर भी बातचीत की थी।
इस बीच यह भी खबर है कि सौरव के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के कारण ही उनकी फाइल को रोककर रखा गया है। प्रदेश भाजपा सौरव को बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में ममता के खिलाफ खड़ा करना चाहती है, हालांकि सौरव साफ तौर पर कह चुके हैं कि फिलहाल उनकी राजनीतिक पिच पर बल्लेबाजी करने की कोई योजना नहीं है।
सौरव के ममता के साथ बेहद अच्छे संबंध हैं। सौरव को बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनाने में ममता का सीधे तौर पर हाथ रहा है। इसी तरह भाजपा के साथ भी सौरव के अच्छे संबंध हैं। उन्हें बीसीसीआइ का अध्यक्ष बनाने के पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भूमिका रही है।