नहीं मिली एंबुलेंस, कोरोना संक्रमित मां को तौलिये से बांध बाइक से अस्पताल ले गया बेटा
बंगाल में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं ऐसे में एंबुलेंस न मिलने पर एक नौजवान अपनी मां को बाइक पर तौलिये से बांध अस्पताल लेकर आया। ये मामला पांडुआ इलाके के बंचीग्राम गांव का है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। हुगली जिले के पांडुआ विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को एक ऐसा वाकया सामने आया जिससे सरकारी इंतजाम की पोल खुल गई। अस्पताल ले जाने के लिए जब एक नौजवान को एंबुलेंस नहीं मिली तो उसने अपनी मां को बाइक पर बैठाकर अपनी कमर से बांध लिया और उसे अस्पताल लेकर आया।
गौरतलब है कि बंगाल में इस वक्त कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मरीजों को अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन तक के लिए परेशानी हो रही है। ताजा मामला पांडुआ इलाके के बंचीग्राम गांव का है। गांव के एक बाशिंदा धीरज पाल की मां को शुक्रवार को अचानक उल्टी और दस्त की शिकायत होने पर उन्हें बंचीग्राम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें पांडुआ अस्पताल ले जाने की सलाह दी। धीरज ने अस्पताल से एंबुलेंस की मांग की लेकिन उन्हें एंबुलेंस मुहैयया नहीं कराई गई। इसके बाद धीरज ने अपनी मां को बाइक पर बैठाकर उसे अपनी कमर से बांध लिया और अस्पताल पहुंचाया।
धीरज का कहना है कि उन्होंने एंबुलेंस के लिए काफी कोशिशें कीं लेकिन हर जगह से उन्हें मायूसी हाथ लगी। जब कहीं से कोई उम्मीद नहीं मिली तो उन्होंने अपनी मां को बाइक से ही अस्पताल पहुंचाया। इस मामले में स्थानीय तृणमूल विधायक रत्ना दे नाग से पूछने पर वह गुस्सा हो गए और उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकारी अफसरों से बात कीजिए। उन्होंने मीडिया पर ही निगेटिव खबरें करने और फैलाने का इल्जाम लगा दिया। पंडुआ पंचायत समिति के प्रमुख संजीत बनर्जी ने इस मामले में कहा कि धीरज को एक फोन नम्बर देकर उन्हें एम्बुलेंस के लिए पांडुआ अस्पताल से बात करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने अस्पताल को कोई जानकारी देने के बजाए अपनी मां को बाइक पर बैठाकर अस्पताल पहुंचा दिया। बनर्जी ने कहा कि कोविड मरीजों को पहले से ही एंबुलेंस में ही पहुंचाया जाता रहा है।