मेडिकल कॉलेज में तब्दील किए जाएंगे बंगाल के छह सरकारी जिला अस्पताल, 300 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान
बंगाल के छह सरकारी जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया जाएगा। राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के इस कठिन दौर में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार यह कदम उठाने जा रही है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के छह सरकारी जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया जाएगा। राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के इस कठिन दौर में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार यह कदम उठाने जा रही है। पता चला है कि जिले के सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों को उन्नत कर वहां डॉक्टरी की पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। अगले साल तक इस तरह से दो मेडिकल कॉलेज शुरू कर दिए जाएंगे। इस परियोजना पर प्राथमिक रूप से 300 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसका 60 फीसद केंद्र सरकार वहन करेगी।
गौरतलब है कि अगले साल निट की कई सौ सीटें बढ़ने की संभावना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही राज्य में डॉक्टर- इंजीनियर तैयार करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दे चुकी हैं। इसी कारण कोरोना के समय भी राज्य प्रशासन के अधिकारी इसमें जुटे हुए हैं ताकि जितनी जल्दी हो सके, राज्य के विद्यार्थियों के लिए एमबीबीएस पढ़ने के अवसर पैदा किए जा सके।
सूत्रों ने बताया कि बंगाल में डॉक्टरों की भारी कमी है इसलिए डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए आधारभूत संरचना बढ़ानी जरुरी है। राज्य के जिला अस्पतालों का जायजा लेने का काम इस बाबत शुरू कर दिया गया है। पता चला है कि हावड़ा के उलबेरिया, उत्तर 24 परगना के बारासात, हुगली के आरामबाग, पूर्व मेदिनीपुर के तमलुक, झारगाम और जलपाईगुड़ी के अस्पतालों को इस बाबत चिन्हित किया गया है। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल परिसर में हॉस्टल की व्यवस्था नहीं होने पर विद्यार्थियों के रहने के लिए आसपास ही व्यवस्था की जाएगी। जरूरत पड़ने पर निजी इमारतों को भी इस बाबत किराए पर लिया जा सकता है।