राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Rajya Sabha Election 2020. बंगाल की पांच राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाला चुनाव कांग्रेस-माकपा के आपसी संबंधों के लिए 'अग्निपरीक्षा' साबित हो सकता है। इस समय बंगाल विधानसभा में दलगत जो स्थिति है, उसके मुताबिक तृणमूल कांग्रेस का चार सीटों पर जीतना तय माना जा रहा है। पांचवीं सीट के लिए कांग्रेस-तृणमूल या कांग्रेस-माकपा के हाथ मिलाने पर ही कोई राज्यसभा पहुंच सकता है। चूंकि भाजपा के महज आठ विधायक हैं, इसलिए वह दावेदारी की दौड़ में नहीं है।
माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा-'पांचवीं सीट पर सवालिया निशान है। कांग्रेस-तृणमूल या कांग्रेस-माकपा का संयुक्त उम्मीदवार ही जीत सकता है। देखें, क्या होता है, हालांकि हम बंगाल से अपनी पार्टी से किसी को राज्यसभा भेजना चाहते हैं।'
गौरतलब है कि बंगाल से राज्यसभा की जो पांच सीटें हैं, उनमें से चार पर वर्तमान में तृणमूल के जोगेन चौधरी, मनीष गुप्ता, अहमद हसन इमरान और केडी सिंह हैं। पांचवीं सीट पर ऋतब्रत बनर्जी हैं जो पूर्व में 2014 में माकपा उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुई थे, लेकिन उन्हें 2017 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा-'इससे पहले दो मौकों पर कांग्रेस तृणमूल के समर्थन से अभिषेक मनु सिंघवी और प्रदीप भट्टाचार्य को राज्यसभा भेज चुकी है। चूंकि हम पिछले विधानसभा चुनाव से कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ रहे हैं, इसलिए हमारी इस बारे उससे बातचीत चल रही है।' पिछले विधानसभा चुनाव से ही बंगाल में कांग्रेस व माकपा के बीच कभी सीटों का समझौता तो कभी संयुक्त आंदोलन का एलान होता रहा है। वामपंथी दलों के शीर्ष नेता कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय विधान भवन तक जा चुके हैं, वहीं प्रदेश कांग्रेस के नेता भी माकपा प्रदेश मुख्यालय पधार चुके हैं। निकाय चुनाव के लिए दोनों में सीटों के तालमेल की बात चल रही है। इसके बीच 26 मार्च को दोनों दलों की अग्निपरीक्षा हो जाएगी।
दूसरी तरफ, प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा-'इसे लेकर अंतिम निर्णय लिया जाना अभी बाकी है। पार्टी आलाकमान अंतिम फैसला करेगा। वहीं, तृणमूल 'देखो और इंतजार करो' की नीति अपना रही है। तृणमूल ने पांचवीं सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने के बारे में अभी निर्णय नहीं लिया है।
माकपा में सीताराम येचुरी को प्रत्याशी बनाने की चर्चा
बंगाल माकपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी अपने महासचिव सीताराम येचुरी को कांग्रेस की मदद से राज्यसभा भेजने की इच्छुक है। येचुरी का 2005 से 2017 तक संसद के ऊपरी सदन के सदस्य के तौर पर शानदार रिकार्ड रहा है। 2017 में उनका नाम पुन: निर्वाचन के लिए सामने आया था। कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी भी उन्हें बंगाल से राज्यसभा भेजने के लिए समर्थन करने के इच्छुक थे, लेकिन माकपा ने यह पेशकश पार्टी के उस नियम का हवाला देते हुए ठुकरा दी थी कि उसका कोई भी सदस्य लगातार तीन बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित नहीं हो सकता।
यह नियम अब येचुरी पर लागू नहीं होता, हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय पार्टी की अगली पोलितब्यूरो की बैठक में लिया जाएगा। कांग्रेस के एक नेता ने कहा-'येचुरी अगर उम्मीदवार होते हैं तो हमें नहीं लगता कि जिस तरह की उनकी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ समझ है, उसे देखते हुए कोई समस्या होगी।'
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