Move to Jagran APP

West Bengal Assembly Election 2021: टीएमसी में शामिल हुए सिराज खान

West Bengal Assembly Election 2021 पश्चिम बंगाल में पूर्व मेदिनीपुर जिला परिषद के खाद्य कर्माध्यक्ष और मत्स्य व्यवसाय के क्षेत्र में पहचान रखने वाले सिराज खान रविवार को वापस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 05:18 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 05:18 PM (IST)
बंगाल में टीएमसी में शामिल हुए सिराज खान। फाइल फोटो

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलने का खेल जारी है।‌ इसी कड़ी में पूर्व मेदिनीपुर जिला परिषद के खाद्य कर्माध्यक्ष और मत्स्य व्यवसाय के क्षेत्र में पहचान रखने वाले सिराज खान रविवार को वापस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। दो महीने पहले ही पिछले साल नवंबर में उन्होंने तृणमूल छोड़कर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में भगवा दल का झंडा थामा था। वहीं, रविवार को उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व पूर्व मेदिनीपुर में पार्टी के जिला अध्यक्ष व मंत्री सौमेन महापात्रा की उपस्थिति में कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में तृणमूल का झंडा थामा।

loksabha election banner

इस दौरान दोनों मंत्रियों ने खान का पार्टी में स्वागत किया। इस मौके पर मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि दो महीने पहले नवंबर, 2020 में सिराज खान को तृणमूल छोड़ने के लिए भाजपा नेताओं ने गुमराह किया था, जिसके चलते वे पार्टी से दूर हो गए थे। लेकिन उन्होंने भाजपा में महसूस किया कि कैसे बंगाल के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने के लिए बाहरी लोग काम कर रहे हैं।‌ उन्होंने कहा कि दीदी ही एकमात्र नेता हैं, जिनके नेतृत्व में बंगाल प्रगति कर सकता है। वहीं, तृणमूल में शामिल होने के बाद सिराज खान ने कहा, मैंने महसूस किया कि किसने मुझे गुमराह किया और मैं भाजपा में काम नहीं कर सकता। क्योंकि जिन लोगों ने मुझे पहले काम करने की अनुमति नहीं दी थी, वह अब उस पार्टी में हैं। उनका इशारा तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले सुवेंदु अधिकारी की ओर था, जो पूर्व मेदिनीपुर जिले से ही आते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा बड़े नेताओं की पार्टी है, जबकि तृणमूल एक ऐसी पार्टी है जो सभी के लिए काम करती है, विशेषकर आम लोगों के लिए। इसीलिए मैं ममता बनर्जी के नेतृत्व में काम करना चाहता हूं।

2016 में निर्दलीय के तौर पर लड़ा था विधानसभा चुनाव

गौरतलब है कि 2016 के विधानसभा चुनाव में खान ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदकुमार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। जिसके बाद वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह 30 वर्षों से भी अधिक समय से मत्स्य व्यवसाय में शामिल हैं। उन्होंने 2018 में पांसकुड़ा ब्लॉक से जिला परिषद का चुनाव लड़ा और उन्हें जिला परिषद के खाद्य कर्माध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वह पांसकुड़ा, तमलुक और मोयना क्षेत्र में अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं और चक्रवाती तूफान एम्फन और कोरोना संकट के दौरान भी कई जरूरतमंद लोगों की मदद की। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.