दिल दहलाने वाली शर्मनाक घटना, मानसिक रूप से बीमार अबोध बेटी को जंगल में छोड़ गए माता-पिता
Shocking incident झाड़ग्राम जिले में निर्दयता की पराकाष्ठा को पार करते हुए एक दंपती ने खुद ही अपनी तीन वर्षीय मानसिक रूप से बीमार बेटी को जंगल में छोड़ दिया।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। झाड़ग्राम, इन दिनों महिलाओं व बच्चियों के साथ कई जगहों पर हो रहे अत्याचार की घटना जहां खूब सुर्खियां बटोर रही है, वहीं झाड़ग्राम जिले में निर्दयता की पराकाष्ठा को पार करते हुए एक दंपती ने खुद ही अपनी तीन वर्षीय मानसिक रूप से बीमार बेटी को जंगल में छोड़ दिया।
आरोपितों में मां अन्नपूर्णा पात्र तथा पिता सुधांशु पात्र है। यह दंपती ओडि़शा जिला मयुरभंज का निवासी है। यह दंपती अपनी बेटी को लेकर बुधवार को सुबह करीब 11 बजे मानिकपाड़ा पुलिस चौकी अंतर्गत बामुनमारा जंगल में पहुंचा। जहां बेटी को अकेला छोड़कर ये लोग तेजी से जंगल से भागने का प्रयास करने लगे, लेकिन कुछ ग्रामीणों की नजर इन पर पड़ी। जिसके बाद ग्रामीणों ने दौड़ाकर इन लोगों को पकड़ लिया। कड़ाई से पूछताछ कर भागने का कारण पूछने पर दंपती ने सच उगल दिया। इससे वहां मौजूद ग्रामीणों के होश फाख्ता हो गए।
लोगों ने जंगल में जाकर कन्या को बरामद करने के साथ ही इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर आकर बच्ची को अपने संरक्षण में ले लिया। इसके साथ ही आरोपित दंपती को हिरासत में लेकर इन्हें बेटी को जंगल में छोड़ने का कारण भी पुलिस तलाश रही है।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार राठौड़ ने कहा कि दंपती द्वारा अपनी बेटी को अकेला जंगल में छोड़ कर भागने की घटना की जानकारी मिली है। मामले की पूरी तफ्तीश पुलिस कर रही है। इधर ग्रामीणों का कहना है कि दंपती पर यदि हमलोगों की नजर न पड़ती, तो बच्ची की जान खतरे में पड़ जाती। उसका किसी सिरफिरे इंसान या जंगली जानवर का निवाला बनना तय था। दैवी संयोग से बच्ची बाल - बाल बच गई।
सीआइडी ने गुप्त सूचना मिलने के बाद पांच कॉल सेंटरों में की थी छापामारी
विधाननगर कमिश्नरेंट अंतर्गत सॉल्टलेक में कॉल सेंटर की आड़ में विदेशी नागरिकों से ठगी के आरोप में सीआइडी ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। छापामारी मंगलवार की रात की गई। गुप्त सूचना के आधार पर सॉल्टलेक स्थित पांच कॉल सेंटरों में सीआइडी ने अभियान चलाया और धोखाधड़ी में लिप्त सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके पास से कई कम्प्यूटर, डिस्क, मोबाइल फोन और डेटा जब्त किया गया है।
डीआइजी सीआइडी (विशेष) मिथेस जैन ने बताया कि जो ठगों का मुख्य टार्गेट कनाडा, इंग्लैंड और अमेरिका आदि देशों के नागरिक होते थे। यहां रहने वाले जो लोग कम्प्यूटर का इस्तेमाल नहीं कर पाते थे या टेक्नोलॉजी को लेकर जिनका ज्ञान कम होता था, उन्हीं लोगों को ये अपना शिकार बनाते थे। आरोपित विभिन्न पते से खुद के लिंक भेजने थे। खुद ही समस्या पैदा करते थे और उसके निवारण करने के नाम पर रुपये ऐंठ लिया करते थे। कुछ समय में ही इन लोगों ने कई लोगों को अपना शिकार बना लिया था।
गौरतलब हो कि कोलकाता पुलिस ने भी फर्जी कॉल सेंटर की आड़ में विदेशियों से की जा रही धोखाधड़ी का पर्दाफाश कर कई लोगों को गिरफ्तार किया था। सीआइडी आरोपितों से पूछताछ कर पता लगाने में जुटी है कि कहीं दोनों घटनाओं में इन आरोपितों का तो हाथ नहीं है।