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भाई की शर्मनाक करतूत, पांच साल पहले बहन को कोलकाता की ट्रेन में बैठा भांजों को बताया मृत, अब जीवित मिली मां

लगभग पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली रमा देवी को उत्तराखंड के नैनीताल में रहने वाले उनके भाई ने अपने भांजों को कथित रूप से मृत बताया था। लेकिन रमा देवी पिछले दिनों बंगाल के दक्षिण 24 परगना में एक सुधार गृह में जीवित मिली हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 06:56 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 11:25 PM (IST)
भाई की शर्मनाक करतूत, पांच साल पहले बहन को कोलकाता की ट्रेन में बैठा भांजों को बताया मृत, अब जीवित मिली मां
यूपी के बिजनौर की रहने वाली रमा देवी को बताया गया था मृत

इंद्रजीत सिंह, कोलकाता : लगभग पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली रमा देवी को उत्तराखंड के नैनीताल में रहने वाले उनके भाई ने अपने भांजों को कथित रूप से मृत बताया था। लेकिन रमा देवी पिछले दिनों बंगाल के दक्षिण 24 परगना में एक सुधार गृह (होम) में जीवित मिली हैं। फिलहाल राजस्थान के भिवाड़ी में रह रहे उनके पुत्र कृष्ण गोपाल सिंह उन्हें लेने कोलकाता पहुंच गए हैं। आपदाओं के दौरान प्रयुक्त होने वाली संचार व्यवस्था हैम रेडियो के सदस्यों ने रमा देवी के घर का पता लगाया है।

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कृष्ण गोपाल ने बताया कि उनकी मां रमा देवी (68) उत्तर प्रदेश के बिजनौर के नगीना के सैदपुर महीचंद गांव स्थित पुश्तैनी घर से जुलाई 2015 में उत्तराखंड के नैनीताल के कालाडुंगी में अपने भाई राजन मेहरा के घर गई थीं। फरवरी 2016 में कृष्ण गोपाल के बड़े भाई राम गोपाल जब कालाडुंगी गए तो उन्हें बताया गया कि उनकी मां का निधन हो गया है। मामा की बातों पर विश्वास कर राम गोपाल अपने घर लौट आए। जबकि हकीकत में मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण रमा देवी को उनके भाई अपने घर में रखना नहीं चाहते थे। रमा देवी का आरोप है कि उनके भाई ने उन्हें काफी मारा पीटा और उन्हें कोलकाता जाने वाली एक ट्रेन में बिठा दिया।

महीनों तक कोलकाता की सड़कों पर भटकती रहीं रमा देवी

-इधर रमा देवी कोलकाता पहुंच गईं और वह महीनों तक लावारिस हालत में कोलकाता की सड़कों पर भटकती रहीं। नवंबर 2016 में कोलकाता की लेक पुलिस ने रमा देवी को लावारिस हालत में उद्धार किया तथा उन्हें कोलकाता के एक निजी अस्पताल में इलाज कराया। इसके बाद उन्हें बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर के दोस्तीपुर स्थित एक होम में रखवा दिया। पांच सालों तक काफी प्रयास के बाद भी पुलिस रमा देवी के घर का पता नहीं लगा सकी। इसके बाद उसने हैम रेडियो के वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश विश्वास नाग से संपर्क किया।

क्लब के सदस्यों ने अथक प्रयास के बाद रमा देवी के घर का पता लगा लिया तथा उनके पुत्रों को सूचना दी कि उनकी मां बंगाल में हैं। मां को जीवित जानकर पुत्रों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कोलकाता पहुंचे कृष्ण गोपाल बुधवार को अपनी मां को लेकर भिवाड़ी रवाना हो जाएंगे। इसके बाद वह अपनी मां को पुश्तैनी गांव भी ले जाएंगे। इधर कृष्ण गोपाल के साथ हैम रेडियो की ओर से भी नैनीताल में रमा देवी के भाई के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।


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