मुकुल राय बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष नियुक्त, भाजपा विधायकों ने विधानसभा से किया वाकआउट
भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी करने वाले नेता मुकुल राय को शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद हाल में पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी करने वाले मुकुल राय को आखिरकार बंगाल विधानसभा में सबसे महत्वपूर्ण लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त कर ही दिया गया है। भाजपा की आपत्ति के बावजूद बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने शुक्रवार को उनकी नियुक्ति पर मुहर लगाते हुए औपचारिक रूप से उनके नाम की घोषणा कर दी।
इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताते हुए विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की अगुआई में भाजपा के विधायक सदन से वॉकआउट कर गए। कृष्णनगर उत्तर से आधिकारिक रूप से भाजपा के विधायक राय पिछले माह तृणमूल में शामिल हुए थे। हालांकि उन्होंने भाजपा के कई बार कहने के बावजूद विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया। इधर, विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए अधिकारी ने इसे अनैतिक कदम बताते हुए कहा कि नियमों के मुताबिक, सामान्यतः पीएसी अध्यक्ष विपक्षी दल के विधायक को ही बनाया जाता है, लेकिन तृणमूल सरकार ने नियमों का दुरुपयोग किया है।
इसी तरह से तृणमूल ने 2016 में भी यही खेल खेला था और कांग्रेस के टिकट पर जीत कर आए मानस भुइयां को पीएसी का अध्यक्ष बना दिया था जो बाद में तृणमूल में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने पहले ही दल विरोधी कानून के तहत मुकुल राय की सदस्यता खारिज करने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को दिया था, मिलकर भी शिकायत की गई थी। बावजूद इसके उन्हें पीएसी का अध्यक्ष बनाया गया है, जो पूरी तरह से परंपरा और नियमों के खिलाफ है। सुवेंदु ने साथ ही चेतावनी दी कि हम देखते हैं कि कब तक मुकुल विधानसभा की सदस्यता बचा पाते हैं। उन्होंने उनकी सदस्यता खारिज कराने के लिए कोर्ट जाने की भी धमकी दी।
विधानसभा अध्यक्ष जिसे चाहें नियुक्त कर सकते हैं : तृणमूल
इधर, भाजपा के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने कहा कि किसी भी कमेटी के अध्यक्ष की नियुक्ति विधानसभा अध्यक्ष करते हैं। वह जिसे चाहें इस पद पर नियुक्त कर सकते हैं। उनके विशेषाधिकार को चुनौती नहीं दी जा सकती। बता दें कि पीएसी का अध्यक्ष एक महत्वपूर्ण पद माना जाता है। राज्य सरकार के हिसाब- किताब का पूरा लेखा-जोखा पीएसी समिति ही रखती है। परंपरागत रूप से पीएसी का अध्यक्ष विपक्ष के किसी नेता को ही दिया जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस पद पर मुकुल को आसीन करने पर अडिग थी।