बंगाल में हालात सामान्य होने के बाद ही स्कूल खोले जाएं, हाईकोर्ट में भाजपा नेत्री ने दायर की याचिका
कोरोना वायरस के बीच अभिभावकों के मन में लगातार ये सवाल उठ रहा है कि आखिर देशभर के स्कूल कब से खुलेंगे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना वायरस के बीच अभिभावकों के मन में लगातार ये सवाल उठ रहा है कि आखिर देशभर के स्कूल कब से खुलेंगे। इसे लेकर लगातार नई-नई तारीखों का ऐलान केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा है। लॉकडाउन के चौथे चरण की समाप्ति के वक्त केंद्र ने जुलाई में इस पर फैसला लेने की बात कही थी। हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 15 अगस्त के बाद स्कूल खोले जाने की बात कही है। इन सबके बीच कोलकाता में बच्चों को स्कूल भेजने से रोकने के लिए एक याचिका के जरिये अहम कदम उठाया गया है।
भाजपा नेत्री प्रियंका टिबरेवाल ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा है कि बंगाल में जब तक कोविड-19 को लेकर उपजे हालात सामान्य नहीं हो जाए तब तक स्कूलों को नहीं खोला जाए। याचिका में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल भेजने से छूट देने की मांग की गई है। याचिका के अनुसार, 12 साल से कम उम्र के बच्चों का इम्यून सिस्टम इतना अच्छा नहीं होता है और उन पर कोविड19 के संक्रमण के जल्दी असर का खतरा होता है, ऐसे में जब तक कि इस जानलेवा महामारी कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक 12 साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल भेजे जाने से छूट मिलनी चाहिए।
इस उम्र तक विकसित नहीं हो पाता बच्चों का इम्यून सिस्टम
चीफ जस्टिस टीबीएन राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजित बनर्जी की बेंच के सामने पेश की गई इस याचिका में कहा गया है कि चूंकि 12 साल की उम्र तक बच्चों की वैक्सिनेशन का काम जारी रहता है और इस उम्र तक उनका इम्यून सिस्टम भी पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है, इसलिए ऐसे बच्चों को स्कूल भेजने में तब तक छूट दी जानी चाहिए, जब तक कि कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार नहीं कर ली जाती है।
याचिका में कोर्ट से निर्देश देने की अपील की गई है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल न भेजा जाए। बेंच ने इस मामले में 19 जून को अगली सुनवाई करने का फैसला किया है। कोर्ट ने साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार के वकीलों को भी उनका पक्ष रखने के लिए कहा है।