बंगाल में 31 जुलाई के बाद भी स्कूल-कॉलेज रह सकते हैं बंद, लॉकडाउन में माल की आवाजाही रहेगी जारी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि राज्य में कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूल 31 जुलाई तक बंद हैं।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल का स्कूल शिक्षा विभाग राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों में अकादमिक गतिवधियों पर लगी रोक को 31 जुलाई के बाद बढ़ाने पर सक्रियता से विचार कर रहा है। इसके साथ ही यह भी साफ है कि आगामी अगस्त में भी शायद ही स्कूल खुले। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि राज्य में कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूल 31 जुलाई तक बंद हैं।
अधिकारी से जब पूछा कि क्या विभाग को अगस्त, सितंबर या अक्टूबर तक स्कूल खोलने की संभावना को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर कोई पत्र मिला है, तो उन्होंने कहा कि विभाग ने विशेषज्ञों और शिक्षकों के साथ विचार विमर्श के बाद तय किया है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच प्राथमिक-माध्यमिक-उच्चतर माध्यमिक शैक्षिक संस्थान नहीं खोले जा सकते। हम अवधि बढ़ाने के संबंध में जल्द अधिसूचना जारी करेंगे। मौजूदा हालात देखते हुए हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि सितंबर में स्कूल खोल दिए जाएंगे।
लॉकडाउन में बंगाल-बांग्लादेश सीमा पर मालों की आवाजाही रहेगी जारी
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बंगाल सरकार ने हर हफ्ते 2 दिन पूरे राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन का फैसला किया है। इसके मद्देनजर 23, 25 व 29 जुलाई को संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा और इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं को बंद से छूट होगी। इधर, बंगाल व बांग्लादेश भूमि सीमाओं के जरिए ट्रकों के माध्यम से होने वाले माल का आयात और निर्यात को भी इससे छूट दी गई है। बंगाल के उत्तर 24 परगना में स्थित देश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय चेकपोस्ट पेट्रापोल के जरिए ट्रकों की आवाजाही जारी रहेगी। बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान इस चेक पोस्ट के जरिए आयात- निर्यात जारी रहेगा और दोनों देशों के बीच ट्रेड पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल इस चेक पोस्ट की सुरक्षा व संचालन का जिम्मा बीएसएफ पर ही है।
गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते पिछले दिनों लंबे समय तक इस चेकपोस्ट के जरिए ट्रकों की आवाजाही बंद थी। इसके कारण दोनों देशों के व्यापार पर भी काफी असर पड़ा। बीच में कई बार आवाजाही शुरू भी हुई लेकिन फिर गतिरोध के कारण बंद का सिलसिला जारी रहा। करीब 10 दिन पहले केंद्र व राज्य के साथ बातचीत के बाद फिर से इस चेक पोस्ट के जरिए माल का आयात और निर्यात शुरू हुआ है। बंगाल सरकार के विरोध के चलते ट्रकों की आवाजाही बंद थी।बंगाल सरकार मांग कर रही थी कि कोरोना महामारी के कारण बांग्लादेश से आने वाले ट्रक ड्राइवरों को राज्य में प्रवेश से पहले 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा जाए। हालांकि बाद में बंगाल सरकार ने पेट्रापोल के रास्ते आयात की अनुमति दी है और सीमा व्यापार मामले को सुलझा लिया गया।