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गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उजागर करने का बंगाल प्रवास पर रहे संघ प्रमुख मोहन भागवत का निर्देश

बंगाल दौरा-बंगाल के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान भागवत ने बनाई अहम रणनीति। 2024 तक राज्य के कोने-कोने में संगठन विस्तार पर जोर। राज्य के 350 प्रबुद्ध वर्ग के नागरिकों के साथ किया संवाद। संघ ने बंगाल में एक हजार पूर्णकालिक कर्मचारियों की नियुक्ति करने का भी फैसला किया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 09:40 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 09:40 PM (IST)
गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उजागर करने का बंगाल प्रवास पर रहे संघ प्रमुख मोहन भागवत का निर्देश
देर रात पहुंचने के बाद मंगलवार सुबह से भागवत ने सांगठनिक मुद्दों पर संघ पदाधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने तीन दिवसीय बंगाल प्रवास के दौरान संघ की शाखाओं के विस्तार के साथ राज्य के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उजागर करने का निर्देश दिया है। भागवत ने साल 2024 तक राज्य के कोने-कोने में संगठन के विस्तार को लेकर मास्टर प्लान भी बनाया है। सोमवार देर रात यहां पहुंचने के बाद मंगलवार सुबह से ही भागवत ने सांगठनिक मुद्दों पर संघ पदाधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।

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संघ की शाखाओं के विस्तार समेत कई मुद्दों पर बात हुई

बुधवार को अपने दौरे के अंतिम दिन भी उन्होंने कोलकाता में संघ के क्षेत्रीय मुख्यालय केशव भवन में संगठन के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक की। जिसमें संघ की शाखाओं के विस्तार समेत कई मुद्दों पर बात हुई। बताया गया कि भागवत ने इस दौरान 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्णाहुति को ध्यान में रखते हुए 2024 तक बंगाल समेत पूर्वोत्तर राज्यों में संगठन के विस्तार पर जोर दिया।

गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को सामने लाने का बीड़ा उठाया

इसके अलावा देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव की कड़ी में 1905 से लेकर आजादी तक के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की सूची बनाकर उनके योगदान को उजागर करने की रणनीति बनाई गई है। दरअसल, देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर संघ ने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान और उनके परिवार को सामने लाने का बीड़ा उठाया है। इसी कड़ी में संघ प्रमुख ने यहां के पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण सुझाव व निर्देश दिए।

राज्य के 350 प्रबुद्ध वर्ग के नागरिकों के साथ किया संवाद

बताया गया कि संघ पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद बुधवार शाम में भागवत ने राज्य के लगभग 350 प्रबुद्ध नागरिकों के साथ वचुर्अल संवाद भी किया। इसमें अर्थशास्त्री, प्रोफेसर, शिक्षक से लेकर संगीतकार, साहित्यकार समेत समाज के प्रबुद्ध वर्ग से जुड़े हर स्तर के लोग शामिल थे। इस बैठक में संघ प्रमुख ने राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान के साथ-साथ राष्ट्रवाद केंद्रित समाज विकसित करने में इन प्रबुद्ध जनों के साथ देने का आह्वान किया।

शीर्ष अधिकारियों से बैठक, संघ शाखाओं के विस्‍तार पर चर्चा

इससे पहले भागवत ने यहां संघ के अनुषांगिक संगठनों जैसे भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, वनवासी कल्याण आश्रम आदि के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी बैठक की। इस बैठक में भी मुख्य रूप से संघ की शाखाओं के व्यापक विस्तार पर बात हुई। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में बंगाल में संघ की करीब 2200 शाखाएं लगती हैं। संघ के सूत्रों ने बताया है कि 2024 तक इसे बढ़ाकर आठ हजार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

एक हजार पूर्णकालिक कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा संघ

इधर, शाखाओं के विस्तार के साथ संघ ने बंगाल में एक हजार पूर्णकालिक कर्मचारियों की नियुक्ति करने का भी फैसला किया है। संघ प्रमुख के साथ बैठक में इसका निर्णय लिया गया। यहां संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया- यह निर्णय लिया गया कि राज्य से स्नातक करने वाले युवाओं को पूर्णकालिक आरएसएस की नौकरियों की पेशकश की जाएगी। इस तरह कम से कम एक हजार पूर्णकालिक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। उनका काम शहर के हर वार्ड में और गांव के हर पंचायत क्षेत्र में आरएसएस का संगठन बनाना होगा।


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