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पर्यावरण बचाने एवं गंगा किनारे हरियाली को रिवर ट्रैफिक पुलिस की नई पहल

environment,गंगा के कटान को रोकने, पर्यावरण को दूषित होने से बचाने एवं महानगर में पक्षियों की आमद बढ़ाने के लिए कोलकाता पुलिस की रिवर ट्रैफिक पुलिस ने नई योजना बनाई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:56 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:56 AM (IST)
पर्यावरण बचाने एवं गंगा किनारे हरियाली को रिवर ट्रैफिक पुलिस की नई पहल
पर्यावरण बचाने एवं गंगा किनारे हरियाली को रिवर ट्रैफिक पुलिस की नई पहल

जागरण संवाददाता, कोलकाता। गंगा के कटान को रोकने, पर्यावरण को दूषित होने से बचाने एवं महानगर में पक्षियों की आमद बढ़ाने के लिए कोलकाता पुलिस की रिवर ट्रैफिक पुलिस ने नई योजना बनाई है। वन विभाग के सहयोग से गंगा किनारे एक मिनट में 40 किमी दायरे में 20 हजार पौधा रोपण करने का लक्ष्य रखा है। पौधा का चयन भी ऐसा होगा जो गंगा किनारे जीवित रह सकें।

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कोलकाता पुलिस चंदा कर पौधा की खरीद करेगी। सूत्रों के अनुसार हुगली नदी के दोनों ओर (कोलकाता और हावड़ा) 40-40 किमी का दायरा कोलकाता पुलिस की रिवर ट्रैफिक पुलिस के अधीन आती है। तेज बहाव की वजह से गंगा किनारे कटान की समस्या आम है। साथ ही कूड़ा कचरा पड़े होने तथा पेड़ों को काट लिए जाने की वजह से पर्यावरण भी दूषित होने लगा है।

गंगा के कटान को रोकने एवं पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए कोलकाता पुलिस ने दोनों ओर गंगा किनारे पौधा रोपण करने की योजना बनाई है। एक मिनट में 40 किमी के दायरे में 20 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पुलिस अधिकारियों और वन विभाग के अफसरों के साथ वार्ता भी हो चुकी है। वन विभाग की ओर से पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि पुलिस का कहना है कि इतने पौधे वन विभाग से निशुल्क नहीं लिए जाएंगे।

कुछ पौधे भले ही विभाग से निशुल्क लिए जाएंगे मगर बाकी पौधों की कीमत 2 रुपये के हिसाब से चुकाई जाएगी। पुलिस के अनुसार पौधों के लिए सरकारी रुपये का प्रयोग नहीं किया जाएगा। बल्कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी आपस में चंदा कर पौधों की खरीद करेंगे। साथ ही विभिन्न क्लब और शहरवासियों से भी आर्थिक मदद की अपील की जाएगी।

पुलिस ने एक समीक्षा रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि हुगली नदी के पानी में नमक की मात्र 11 से 13 फीसद तक है। इसके चलते गंगा किनारे सदाबहार पौधे लगाए जा सकते हैं या नहीं इस विषय पर भी वन विभाग से चर्चा की गई है।

वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार गंगा में आने वाले ज्वार का पानी जहां तक पहुंच सकता है वहां तक सदाबहार पेड़ लगाए जा सकते हैं। लेकिन जहां ज्वार का पानी नहीं पहुंचेगा वहां पर जामुन, नीम, इमली, कटहल समेत अन्य फलों के पेड़ लगाए जाएंगे। इससे महानगर में पक्षियों की संख्या में इजाफा भी होगा। रोपण के बाद यदि कोई पौधा मर जाता है तो उसकी जगह नया पौधा लगाया जाएगा। हालांकि अभी पुलिस की ओर से पौधा रोपण की तिथि तय नहीं की गई है।


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