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Bengal Assembly Elections 2021: स्थानीय भाजपाइयों में अरिंदम भट्टाचार्य के प्रति नाराजगी

अरिंदम भट्टाचार्य अपनी पार्टी बदल भगवा शिविर में शामिल हो गये हैं परंतु उनके लिए शांतिपुर में राजनीति की राह आसान नहीं होगी। तृणमूल माकपा कांग्रेस को छोड़ भी दिया जाय तो भी स्थानीय भाजपाइयों में उनके प्रति नाराजगी है जो कि उनकी राह को दुरुह कर देगी।

By PRITI JHAEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 10:53 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 10:53 AM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: स्थानीय भाजपाइयों में अरिंदम भट्टाचार्य के प्रति नाराजगी
शांतिपुर के तृणमूल कांग्रेस के विधायक अरिंदम भट्टाचार्य भगवा शिविर में शामिल

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। शांतिपुर के विधायक अपनी पार्टी बदल भगवा शिविर में शामिल हो गये हैं परंतु उनके लिए शांतिपुर में राजनीति की राह आसान नहीं होगी। तृणमूल, माकपा, कांग्रेस को छोड़ भी दिया जाय तो भी स्थानीय भाजपाइयों में उनके प्रति नाराजगी है जो कि उनकी राह को दुरुह कर देगी।

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बता दें कि कांग्रेस के टिकट पर पांच बार विधायक निर्वाचित हुए अजय दे राज्य में बह रहे परिवर्तन की बयार में तृणमूल में शामिल हुए थे। 2016 में तृणमूल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अजय को कांग्रेस उम्मीदवार अरिंदम भट्टाचार्य से मुंह की खानी पड़ी। यह बात साबित करती है कि शांतिपुर विधानसभा सीट सदा से कांग्रेसियों का अभेद्य दुर्ग है। नेता भले ही अपनी पार्टी बदलें, शांतिपुर की जनता अपनी नियत नहीं बदलती है। 2017 में अरिंदम तृणमूल में आ गये पर स्थानीय नेतृत्व के साथ उनकी पटरी नहीं बैठी, फलस्वरूप शहर में गुटीय द्वंद्व बढ़ने लगा। अजय दे एवं अरिंदम इन दो गुटों में बंटी तृणमूल के बीच कलह ने जिला नेतृत्व को भी असहज स्थिति में रखा है।

विधायक के भाजपा में शामिल होने की प्रतिक्रिया में शहर तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष अरिंदम मित्रा ने कहा कि गुटबाजी और अशांति हमारे लिए हमेशा परेशानी का सबब रहा। उनके पार्टी छोड़ने से सभी ने राहत की सांस ली है।

माकपा जोनल कमेटी के सचिव सोमेन महतो का कहना है कि विधायक ने अपने दोनों पार्टियों के साथ धोखा किया है, जवाब जनता देगी। उन्होंने दावा किया कि 2021 के चुनाव में शांतिपुर सीट से कांग्रेस और माकपा गठबंधन का उम्मीदवार ही जीतेगा। 2018 के पंचायत चुनाव के समय शांतिपुर शहर में सरेआम भाजपा कर्मी विप्लव सिकदर की हत्या हुई थी।

आरोप विधायक पर लगा था। उस कांड को लेकर स्थानीय भाजपाइयों में नाराजगी है, इससे पहले जितनी बार विधायक के भाजपा में जाने की बात उठी, उतनी ही बार स्थानीय भाजपा ने विरोध किया, फलस्वरूप पार्टी बदलने की बात अधर में रह गई। शांतिपुर शहर भाजपा के अध्यक्ष विप्लव कर का आरोप है कि जिस व्यक्ति पर भाजपा कर्मी की हत्या का आरोप है उसके पार्टी में आने से स्थानीय कर्मियों में क्षोभ पनपना लाजमी है। 


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