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निगम प्रशासक नियुक्ति मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट से राहत, एक माह बाद फिर होगी सुनवाई

केएमसी में प्रशासक के तौर पर वर्तमान मेयर फिरहाद हकीम को नियुक्त किये जाने को लेकर राज्यपाल के साथ चल रही तनातनी के बीच सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 07:03 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 07:03 PM (IST)
निगम प्रशासक नियुक्ति मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट से राहत, एक माह बाद फिर होगी सुनवाई
निगम प्रशासक नियुक्ति मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट से राहत, एक माह बाद फिर होगी सुनवाई

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल सरकार की ओर से कोलकाता नगर निगम (केएमसी) में प्रशासक के तौर पर वर्तमान मेयर फिरहाद हकीम को नियुक्त किये जाने को लेकर राज्यपाल के साथ चल रही तनातनी के बीच सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा गठित बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स को बतौर केयरटेकर के रूप में एक महीने तक चलाने का निर्देश दिया है। इस नियुक्ति के खिलाफ गुरुवार को हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह अंतरिम निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने प्रशासक की नियुक्ति पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया।

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जस्टिस सुब्रत तालुकदार की पीठ ने कहा कि इस वक्त कोरोना के कारण पूरी दुनिया में लॉकडाउन की स्थिति है। इस परिस्थिति में कोलकाता नगर निगम का कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे इसको देखते हुए यह अंतरिम निर्देश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक माह बाद जब परिस्थिति सामान्य होगी तब फिर इस मामले की सुनवाई की जाएगी। दरअसल, इस नियुक्ति के बारे में जानकारी नहीं देने को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत जानकारी मांगी।‌ राज्यपाल ने आरोप लगाया कि प्रशासक की नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना मेरे नाम से जारी कर दिया गया और मुझे बताया ही नहीं गया। उन्होंने वर्तमान मेयर को प्रशासक के तौर पर नियुक्त किए जाने को लेकर ममता सरकार की कार्यपद्धति पर सवाल उठाए। ‌ उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स नियुक्त करने की अधिसूचना जारी करने के संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट तलब किया। राज्यपाल के अलावा भाजपा व अन्य विपक्षी दलों ने भी इस नियुक्ति पर सवाल उठाए। दूसरी ओर, एक शख्स ने इस नियुक्ति के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर तुरंत सुनवाई की मांग की। याचिका में कहा गया कि इससे बुनियादी और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हुआ है। हाई कोर्ट से बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स की नियुक्ति से संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई।‌ हालांकि हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

बता दें कि कोलकाता नगर निगम के बोर्ड की अवधि गुरुवार, 7 मई को खत्म होने से पहले राज्य सरकार ने 6 मई को प्रशासक की नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी। इसमें शुक्रवार (आठ मई) से निगम में प्रशासक के तौर पर वर्तमान मेयर फिरहाद हकीम को ही नियुक्त कर दिया गया है, जबकि नगर निगम के एमएमआइसी सदस्यों को ही बोर्ड के सदस्य के तौर पर मनोनीत कर दिया गया है।


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