Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर भूमि पूजन में रखी जाएगी कोलकाता के कोठारी बंधुओं की जन्म भूमि की मिट्टी
भूमि पूजन के दिन बंगाल में सरकार की ओर से संपूर्ण लॉकडाउन लागू किए जाने पर कोठारी भाइयों के स्वजनों ने जताई नाराजगी मंदिर की सजावट के लिए देश विदेश से फूल मंगाए जा रहे हैं
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कल किया जाएगा। मंदिर की नींव में देशभर के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी डाली जा रही है। इसमें पश्चिम बंगाल से भी गंगासागर तथा शक्तिपीठ मंदिर दक्षिणेश्वर तीर्थ स्थल से भी मिट्टी ले जाई जा रही है। इसके साथ ही राम मंदिर के निर्माण में कोलकाता के कोठारी बंधुओं के जन्म स्थान की मिट्टी को भी शामिल किया जाएगा।साल 1990 में राम कुमार कोठारी और शरद कुमार कोठारी भाइयों ने राम मंदिर के लिए अपनी शहादत दी थी।
कोठारी बंधुओं की बहन पूर्णिमा ने बताया कि राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से आमंत्रण मिला है।अपने परिवार के एक अन्य सदस्य को लेकर वह जा रही हैं।इसके साथ ट्रस्ट की ओर से उन्हें कोठारी बंधुओं की जन्म भूमि की मिट्टी लाने को कहा गया हैै, जिसे राम मंदिर की नींव में डाला जाएगा। भूमिपूजन और आधारशिला रखने के कार्यक्रम को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस भव्य कार्यक्रम को 175 लोगों की उपस्थिति में आयोजित किया जा रहा है। पूर्णिमा कोठारी मंगलवार शाम को अयोध्या पहुंच जाएंगी।
बता दें कि 1990 में राम मंदिर आंदोलन के पूरे देश में कारसेवक अयोध्या में जुट रहे थे। 30 अक्टूबर 1990 को विवादित ढांचे की गुंबद पर कोठारी बंधुओं ने भगवा झंडा फहराया था। इसके बाद पुलिस फायरिंग में दोनों भाइयों की मौत हो गई थी।
दूसरी ओर भूमि पूजन के दिन बंगाल में सरकार की ओर से संपूर्ण लॉकडाउन लागू किए जाने पर कोठारी भाइयों के स्वजनों ने नाराजगी जताई है। कोठारी बंधुओं की बहन पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार को सोचना चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण का सपना कई पीढ़ियों का था और पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस मौके पर उत्सव मनाने का अधिकार है। इसमें प्रशासनिक लगाम लगाने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी नियमों को मानेंगे और उत्सव मनाएंगे। बंगाल सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।
गौरतलब है कि मंदिर की सजावट के लिए देश विदेश से फूल मंगाए जा रहे हैं उसमें कोलकाता का गेंदा फूल भी शामिल है।