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राम माधव ने कहा- सरकारी उपक्रमों के विनिवेश प्रस्ताव को लागू करने में कोई दिक्कत आने की गुंजाइश नहीं

राम माधव ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के विनिवेश के बजटीय प्रस्तावों को लागू करने में कोई बाधा आने की गुंजाइश नहीं दिखती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अनुषंगियों की चिंताओं पर बातचीत चल रही है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 09:46 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 09:46 AM (IST)
राम माधव ने कहा- सरकारी उपक्रमों के विनिवेश प्रस्ताव को लागू करने में कोई दिक्कत आने की गुंजाइश नहीं
भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि राय में कोई बड़ा अंतर नहीं है

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के विनिवेश के बजटीय प्रस्तावों को लागू करने में कोई बाधा आने की गुंजाइश नहीं दिखती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अनुषंगियों की चिंताओं पर बातचीत चल रही है। उन्होंने दावा किया कि भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) जैसी अनुषंगियों के साथ पार्टी के विचार के अंतर को पाटा जा रहा है, क्योंकि इन संगठनों के बीच सतत वार्ता की एक व्यवस्था है।

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माधव ने कहा कि राय में कोई बड़ा अंतर नहीं है ... हमारे पास इन संगठनों के साथ विचारों के नियमित आदान-प्रदान की एक प्रणाली है। उन्हें विनिवेश से संबंधित कुछ मुद्दो पर आपत्तियां हैं। उन्हें कार्यान्वयन की प्रक्रिया से अवगत कराया जाएगा। बजट में केंद्र द्वारा विनिवेश की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर माधव ने कहा कि इसे लेकर कहीं कोई खास विरोध नहीं है। इससे पहले राम माधव ने कहा था कि इंटरनेट मीडिया इतना शक्तिशाली हो गया है कि वह सरकारों को भी अपदस्थ करने की ताकत रखता है, जिसके कारण अराजकता पैदा सकती है और लोकतंत्र कमजोर हो सकता है तथा इससे निपटने के लिए संवैधानिक ढांचे के तहत समाधान तलाशने की आवश्यकता है।

माधव ने अपनी नई किताब ‘बिकॉज इंडिया कम्स फर्स्ट’ के विमोचन के मौके पर कहा कि ‘गैर-राजनीतिक’ एवं ‘राज्येतर’ ताकतों के उदय के कारण लोकतंत्र दबाव में है और नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने ‘प्रभा खेतान फाउंडेशन’ द्वारा शनिवार शाम को आयोजित समारोह में कहा कि इंटरनेट मीडिया इतना ताकतवर है कि वह सरकारों को भी अपदस्थ कर सकता है और उसका नियमन मुश्किल है, क्योंकि यह सीमाओं से परे है। ये बल अराजकता को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जिससे लोकतंत्र कमजोर होता है, लेकिन इसका समाधान संवैधानिक ढांचे के भीतर खोजा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून इससे निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। माधव ने कहा कि हमें इससे निपटने और इसके प्रबंधन के लिए नए नियमों एवं कानूनों की आवश्यकता है। सरकार इस दिशा में पहले से काम कर रही है। माधव का यह बयान खातों को ब्लॉक (बंद) किए जाने को लेकर सरकार और टि्वटर के बीच जारी विवाद के बीच आया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने माइक्रो ब्लॉगिंग कंपनी टि्वटर से भारतीय कानून का अनुसरण करने को कहा है।

माधव ने कहा कि उन्होंने अपनी नई किताब में मोदी सरकार के कई फैसलों पर अपने अवलोकन के बारे में लिखा है। उन्होंने महात्मा गांधी संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि आरएसएस किसी नेता के योगदान को कम नहीं समझता। उन्होंने कहा कि गांधी एक महान नेता थे और उनके अहिंसा के मंत्र को कई वैश्विक नेताओं ने आत्मसात किया। माधव ने कश्मीर के मामले पर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को रद किए जाने से जमीनी स्तर के नेता कुछेक परिवारों के आधिपत्य के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह देश के लोगों का दायित्व है कि वे कश्मीर को इस बात का एहसास कराएं कि वह 1.3 अरब आबादी वाले मजबूत परिवार का हिस्सा हैं।


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