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कथित फोन टैपिंग का मुद्दा संसद के दोनों सदनों में उठाएगी तृणमूल, डेरेक ओ ब्रायन बोले-लोगों की निजता खतरे में

बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ईंधन व अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के साथ सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में कथित फोन टैपिंग का मुद्दा भी जोर शोर से उठाएगी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 07:00 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 07:00 PM (IST)
कथित फोन टैपिंग का मुद्दा संसद के दोनों सदनों में उठाएगी तृणमूल, डेरेक ओ ब्रायन बोले-लोगों की निजता खतरे में
तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ईंधन व अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के साथ सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में कथित फोन टैपिंग का मुद्दा भी जोर शोर से उठाएगी। सोमवार को एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पार्टी के सांसद संसद के दोनों सदनों में कथित फोन टैपिंग का मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि लोगों की निजता खतरे में है।

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मोदी सरकार विपक्षी दलों ही नहीं पत्रकारों की भी जासूसी करा रही है। उन्होंने इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के माध्यम से देश के कई विपक्षी नेताओं व पत्रकारों के कथित तौर पर फोन टैप कराने का जिक्र करते हुए कहा कि कल (मंगलवार) को एक और सूची आने वाली है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद विचार विमर्श कर इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि संसद के मौजूदा सत्र में विपक्ष तेल की बढ़ती कीमतों, महंगाई, कोरोना समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा चाहती है, लेकिन मोदी सरकार इससे भाग रही है। उन्होंने मोदी सरकार पर विपक्ष की आवाज को कुचलने का भी आरोप लगाया।

गौरतलब है कि इजराइली सॉफ्टवेयर के माध्यम से फोन टैपिंग का मामला सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर है। इसे लेकर सोमवार को कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने संसद में जमकर बवाल मचाया जिसके चलते कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दरअसल, रविवार को एक न्यूज़ वेबसाइट ने दावा किया कि भारत में करीब 300 लोगों की जासूसी पेगासस के स्पाइवेयर के जरिए की गई है, जिसमें 40 पत्रकार भी शामिल हैं। जिनके फोन टैप करने का दावा किया गया है, उनमें तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं से लेकर दो केंद्रीय मंत्री, सुरक्षा संगठनों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख, कई सरकारी अधिकारी, कई पत्रकार, व्यवसायी, जज, वकील, वैज्ञानिक और सामाजिक कार्यकर्ता इसका शिकार बताए गए हैं। हालांकि इनके नाम नहीं बताए गए हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है।


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