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राजभवन व ममता सरकार फिर आमने-सामने, बंगाल में मेरी सहमति के बगैर 25 विवि के कुलपति नियुक्त किए गए : राज्यपाल

डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति का मामला गरमाया राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि उनकी जानकारी के बिना राज्य सरकार द्वारा अवैध तरीके से विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की जा रही है जो असंवैधानिक है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 12:46 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 11:28 PM (IST)
बंगाल सरकार और राजभवन के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार और राजभवन के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा विवाद अब डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर पैदा हुआ है। आरोप है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा कुलाधिपति की हैसियत से हाल में इस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किए गए कला संकाय के डीन प्रोफेसर डा तपन मंडल की जगह राज्य सरकार ने प्रोफेसर सोमा बंद्योपाध्याय को कुलपति नियुक्त कर दिया है।

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इसके बाद टकराव बढ़ गया है और राज्य सरकार व राजभवन फिर आमने सामने आ गए हैं। राज्य सरकार के इस कदम से भड़के राज्यपाल ने ममता सरकार पर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। राज्यपाल ने शनिवार ट्वीट कर आरोप लगाया कि उनकी जानकारी व सहमति के बिना राज्य सरकार द्वारा अवैध तरीके से विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की जा रही है जो असंवैधानिक है।

उन्होंने दावा किया कि कुलाधिपति के तौर पर उनकी सहमति के बगैर अब तक इसको लेकर 25 राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति की जा चुकी है। राज्य सरकार ने गुरुवार को डायमंड हार्बर महिला विश्वविद्यालय की कुलपति के रूप में सोमा बंद्योपाध्याय को छह महीने के लिए नियुक्त किया है। इसके बाद धनखड़ का यह बयान सामने आया है।इससे पहले राज्यपाल ने कुलाधिपति की हैसियत से तपन मंडल को कुलपति नियुक्त किया था जिन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद को स्वीकार करने से मना कर दिया था।

वहीं, राज्य सरकार पर आरोप है कि उन्होंने नई नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल से कोई चर्चा नहीं की। इस बारे में राज्यपाल ने जब राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री से जानना चाहा तो विभाग के सचिव मनीष जैन ने राज्यपाल को बताया कि मंत्री दूसरे कार्य में व्यस्त हैं, इसलिए इस बारे में वह अभी बात नहीं कर पाएंगे। इसके बाद राज्यपाल ने राज्य सरकार पर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि राज्यपाल को सर्च कमेटी द्वारा चयनित नामों को मंजूरी देनी चाहिए और अगर वह अपनी सहमति नहीं देते हैं तो शिक्षा विभाग के पास अपने निर्णय पर आगे बढ़ने की शक्ति है।

नया नहीं है विवाद

- बताते चलें कि विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल व ममता सरकार के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर दोनों आमने सामने आ चुके हैं। राज्य सरकार पहले भी राज्यपाल द्वारा नियुक्त कुलपतियों को हटाकर अपनी ओर से कुलपति की नियुक्ति कर चुकी हैं।


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