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West Bengal Teachers Protest: विधानसभा का गेट फांदकर अंदर घुसीं पैरा शिक्षिकाएं, समान वेतन की मांग पर किया प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें उनके काम के लिए समान वेतन संरचना और पेंशन दिया जाए। प्रदर्शन का आयोजन शिक्षक एकता मुक्त मंच की ओर से किया गया। विधानसभा का दो दिनों का विशेष सत्र शुरू हुआ इसे ध्यान में रखते हुए प्रदर्शनकारी पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे।

By PRITI JHAEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 01:15 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 04:31 PM (IST)
West Bengal Teachers Protest: विधानसभा का गेट फांदकर अंदर घुसीं पैरा शिक्षिकाएं, समान वेतन की मांग पर किया प्रदर्शन
शिक्षक श्रेष्ठ मुक्त मंच, पैरा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। स्थायी सरकारी शिक्षक-शिक्षिकाओं के समान वेतन की मांग पर पैरा शिक्षिकाओं ने बुधवार को बंगाल विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। उनमें से कुछ विधानसभा का एक गेट फांदकर अंदर घुस गईं। विधानसभा परिसर में तैनात महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें खदेड़कर बाहर निकाला। इस दौरान एक शिक्षिका की तबीयत खराब हो गई। विधानसभा की सुरक्षा में तैनात एक आला पुलिस अधिकारी ने बताया कि पैरा शिक्षिकाएं के इस तरह विधानसभा के अंदर घुस आने की घटना की जांच की जाएगी।

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सुरक्षा में लापरवाही पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई होगी। पैरा शिक्षिकाएं 'शिक्षक ऐक्य मुक्त मंचÓ के बैनर तले प्रदर्शन कर रही थीं और अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलना चाहती थीं। बंगाल विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से ही शुरू हुआ है। प्रदर्शन में शामिल पैरा शिक्षिका गीता विश्वास ने कहा-'हम समान कार्य के लिए समान वेतन चाहते हैं। हमें भी नियमित शिक्षक-शिक्षिकाओं के समान वेतन और सेवानिवृत्ति सुविधाएं प्रदान की जाएं। यह हमारे आत्मसम्मान की लड़ाई है।Ó 

गौरतलब है कि राज्य के शिक्षा विभाग ने प्राथमिक स्तर पर पैरा शिक्षक-शिक्षिकाओं का मासिक वेतन 5,954 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। इसी तरह उच्च माध्यमिक स्तर पर उनका मासिक वेतन 8,500 रुपये से बढ़ाकर 13,000 रुपये किया गया है, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हैं। 

विधानसभा परिसर आंदोलन करने की जगह नहीं : सुब्रत 

प्रदर्शन पर राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि विधानसभा किसी विशेष राजनीतिक दल से संबंधित नहीं है। आंदोलन करने के लिए और भी जगह हैं। संसदीय लोकतंत्र में कोई भी आंदोलन कर सकता है लेकिन विधानसभा परिसर में नहीं। वहीं शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने इसे विरोधियों की चाल करार देते हुए कहा कि वे विधानसभा चुनाव से पहले बेवजह मुद्दे खड़े करना चाहते हैं। 

शिक्षक-शिक्षिकाओं के मसले को मानवीय दृष्टिकोण से देखे राज्य सरकार : शमिक 

दूसरी तरफ भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार को पैरा शिक्षक-शिक्षिकाओं के मसले को मानवीय दृष्टिकोण से देखना चाहिए। वहीं माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती व कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि पैरा शिक्षक-शिक्षिकाओं के मामले में ममता बनर्जी की सरकार वहीं रवैया अपना रही है, जो केंद्र की मोदी सरकार का किसानों के मामले में है।


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