मतदान कार्य में पुलिस के व्यस्त होने से कोर्ट में कैदी गैरहाजिर, निचली अदालतों में आरोपितों की पेशी को निलंबित करना चाहते हैं अधिकारी
Kolkata News हाल ही में पुलिस ने इस संबंध में राज्य की सभी जिला अदालतों को पत्र भी भेजा है। वकीलों के एक समूह के मुताबिक अगर निचली अदालत के सभी सत्रों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की व्यवस्था होती तो उपस्थिति के मुद्दे पर इतनी समस्या नहीं होती। लेकिन राज्य की सभी निचली अदालतों में यह व्यवस्था पूरी तरह लागू नहीं हो पाई है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। पुलिसकर्मियों के मतदान कार्य में व्यस्त होने के चलते राज्य की विभिन्न अदालतों में कैदियों की उपस्थिति नहीं हो पा रही है। इससे अदालतों की सुनवाई भी प्रभावित हो रही है। हालांकि राज्य की ज्यादातर निचली अदालतों में वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए जेल से ही कैदियों की वर्चुअली उपस्थिति की सुविधा है। लेकिन यह सुविधा ज्यादातर अदालतों में निष्क्रिय है।
कर्मियों की कमी के कारण पुलिस ने कहा कि वह फिलहाल राज्य की सभी निचली अदालतों में आरोपितों की पेशी को निलंबित करना चाहती है। हाल ही में पुलिस ने इस संबंध में राज्य की सभी जिला अदालतों को पत्र भी भेजा है।
सभी निचली अदालतों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की व्यवस्था नहीं
वकीलों के एक समूह के मुताबिक, अगर निचली अदालत के सभी सत्रों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की व्यवस्था होती तो उपस्थिति के मुद्दे पर इतनी समस्या नहीं होती। लेकिन राज्य की सभी निचली अदालतों में यह व्यवस्था पूरी तरह लागू नहीं हो पाई है।
सुनवाई में आरोपित की उपस्थिति जरूरी
कोलकाता में सियालदह अदालत में ऐसी आभासी उपस्थिति या सुनवाई प्रणाली नहीं है। सियालदह अदालत के वकीलों का कहना है कि महामारी के दौरान सभी अदालतों को आभासी उपस्थिति और सुनवाई के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए कहा गया था। ऐसे उपकरण लगाए जाने के बावजूद इसे चालू नहीं किया गया। विभिन्न जिला या उप-विभागीय अदालतों में भी यही स्थिति है।
बता दें कि सुनवाई में आरोपित की उपस्थिति जरूरी है। कैदियों को जेल से अदालत तक ले जाने और वापस लाने के लिए पुलिस एस्कार्ट आवश्यक है।