बकाया राशि का भुगतान न करें, जून की खपत का सीईएससी अलग से भेजेगा बिल : विद्युत मंत्री
बंगाल के विद्युत मंत्री शोभन देब चटर्जी ने कोलकाता और हावड़ा में उपभोक्ताओं से कहा है कि वे तबतक बिजली बिलों का भुगतान न करें
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बंगाल के विद्युत मंत्री शोभन देब चटर्जी ने कोलकाता और हावड़ा में उपभोक्ताओं से कहा है कि वे तबतक बिजली बिलों का भुगतान न करें जबतक कि निजी बिजली कंपनी सीईएससी संशोधित राशि वाले जून का बिल नहीं भेजता। उन्होंने कहा कि मेरा उपभोक्ताओं को सुझाव है कि बिजली बिल की बकाया राशि का भुगतान फिलहाल न करें। निजी बिजली कंपनी के अधिकारियों ने मुझे बताया कि वे अलग से जून के लिए बिजली की खपत की गणना करेंगे और संशोधित बिल जारी करेंगे। चटर्जी ने सोमवार को यह बातें बिजली उपयोगिता के अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद कही।
विद्युतमंत्री चटर्जी को जून के लिए 11,000 रुपये का बिजली बिल मिला है। उन्होंने दावा किया था कि यह सामान्य से बहुत ही अधिक है। कोलकाता और हावड़ा में लाखों उपभोक्ताओं ने अत्यधिक बिजली बिलों की शिकायत की है। कुछ उपभोक्ताओं का बिल लाखों रुपये का है। अचानक मोटी राशि वाले बिजली बिल से परेशान उपभोक्ताओं ने ममता सरकार से हस्क्षेप की मांग की।
खपत को ध्यान में रखा औसत बिल तैयार किए
हालांकि, निजी बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर तर्क दिया है कि कोरोना महामारी की वजह से 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण कोलकाता और हावड़ा के कई हिस्सों में वास्तविक मीटर रीडिंग नहीं किया जा सका था। इसीलिए हमने विनियामक दिशानिर्देशों के आधार पर कम बिल भेजे थे। हमने पिछले छह महीनों की खपत को ध्यान में रखा और सर्दियों के महीने भी शामिल कर औसत बिल तैयार किए। शेष राशि अधिक लगने वाले बिलों में समायोजित किया गया था। कोलकाता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन (सीईएससी) कोलकाता के आसपास और हावड़ा में बिजली की आपूर्ति करता है।
अभी स्पष्ट नहीं, लंबित राशि को जोड़ेंगे या नहीं
बिजली मंत्री बढ़े हुए बिल को लेकर सीईएससी के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने सोमवार को पावर यूटिलिटी के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। शोभन देब ने कहा कि सीईएससी की ओर से मुझे बताया गया कि वे अप्रैल और मई की लंबित राशि नहीं ले रहे हैं। हालांकि, वे अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि क्या लंबित राशि को बाद में बिल में जोड़ा जाएगा या नहीं।