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बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सियासत जारी, टीएमसी ने अब यह मुद्दा संसदीय समिति में उठाया

केंद्र सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सियासत जारी है। केंद्र के इस कदम के विरोध में उतरी बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने अब गृह मामलों पर नवगठित संसदीय समिति के समक्ष यह मुद्दा उठाया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 07:19 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 07:19 PM (IST)
बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सियासत जारी, टीएमसी ने अब यह मुद्दा संसदीय समिति में उठाया
केंद्र सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सियासत जारी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्र सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सियासत जारी है। केंद्र के इस कदम के विरोध में उतरी बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने अब गृह मामलों पर नवगठित संसदीय समिति के समक्ष यह मुद्दा उठाया है। इसके बाद संसदीय समिति ने गृह मंत्रालय के 11 अक्टूबर की उस अधिसूचना पर राज्यों और केंद्र सरकार से इनपुट मांगा है, जिसमें बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर जबकि गुजरात में 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है।

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नए नियम के तहत अब बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति मिल गई है। वहीं, टीएमसी ने संसदीय समिति के विचार- विमर्श में इस मुद्दे को शामिल करने पर जोर देते हुए दावा किया कि यह फैसला राज्य के अधिकारों का ‘अतिक्रमण’ और देश के संघीय ढांचे पर हमला है। पार्टी सांसदों ने संसदीय समिति के समक्ष तर्क दिया कि गृह मंत्रालय की अधिसूचना बीएसएफ को 50 किलोमीटर के दायरे में बंगाल में छापेमारी, गिरफ्तारी और जब्ती करने का बहाना देती है और यह पुलिस और कानून व्यवस्था के मामले में राज्य के अधिकारों के विपरीत है।

दरअसल, बंगाल की बांग्लादेश के साथ 2,216 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है।इधर, एक सूत्र ने कहा कि तृणमूल की आपत्ति के बाद संसदीय समिति के अध्यक्ष ने इसे सीमा प्रबंधन पर चल रही चर्चा के पांच सूत्री एजेंडे में शामिल करने पर सहमति व्यक्त की है। यह भी कहा गया है कि समिति इस मामले पर राज्य और केंद्र सरकार के विचारों को सुनेगी।

गृह मामलों की संसदीय समिति में बंगाल से हैं पांच वरिष्ठ सांसद

बता दें कि गृह मामलों पर संसद की 31 सदस्यीय स्थाई समिति में बंगाल से पांच वरिष्ठ सांसद शामिल हैं। इनमें तृणमूल के काकोली घोष दस्तीदार और डेरेक को ब्रायन, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी व अभिषेक मनु सिंघवी एवं भाजपा के दिलीप घोष हैं। इधर, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने पर आपत्ति को लेकर राणाघाट से भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने तृणमूल की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस विरोध का कोई औचित्य नहीं है। भाजपा सांसद ने कहा कि जिस तरह से बांग्लादेश सीमा के जरिए राष्ट्र विरोधी गतिविधियां व घुसपैठ आदि हो रही है उस पर अंकुश लगाने के लिए यह सही कदम है।


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