Political Crisis : विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल भाजपा में गुटबाजी चरम पर, खुलकर सामने आया झगड़ा
Political Crisis प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और तृणमूूूल नेता मुकुल रॉय के बीच का झगड़ा अब खुलकर सामने आया। दिलीप घोष ने भाजयुमो की जिला कमेटी की भंग। भाजयुमो अध्यक्ष ने इस्तीफे की पेशकश की। कुछ देर बाद ही इस्तीफा लिया वापस कहा- भाजपा से दूर नहीं रह सकते
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा की प्रदेश इकाई में आपसी गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए एवं नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के बीच आपसी घमासान अब खुलकर सामने आ गया हैैै। आरंभिक आपत्ति के बाद प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को राज्य की भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की नवनियुक्त सभी जिला कमेटियों को भंग करने की घोषणा कर दी। यह कदम तब उठाया गया है जब लगभग एक माह पहले ही भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सौमित्र खान ने राज्य पार्टी प्रमुख से सलाह के बिना युवा मोर्चा की नई कमेटी की घोषणा की थी।
खान ने पार्टी ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ा
इधर, घोष द्वारा कमेटी को भंग किए जाने के फैसले को भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान ने पहले तो मानने से इन्कार कर दिया और साफ किया कि पूर्व घोषित कमेटी ही काम करती रहेगी। वहीं, शनिवार को उन्होंने भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने की भी पेशकश कर दी। यहां तक कि खान ने पार्टी के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिया।
भाजपा को छोड़कर रहना हमारे लिए संभव नहीं
हालांकि इस्तीफे की पेशकश के कुछ देर बाद ही खान का मन बदल गया और दोपहर बाद उन्होंने इसे वापस लेने की बात कही। साथ ही वे दोबारा व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ गए। उन्होंने कहा कि जो कमेटी भंग की गई है वह बहाल रहेगी और भाजपा को छोड़कर रहना हमारे लिए संभव नहीं है। इधर, खान के तेवर भले नरम पड़ गए हो लेकिन प्रदेश नेताओं के इस टकराव से साफ हो गया है कि आपसी गुटबाजी इस समय चरम पर है।
पिछले साल ही भाजपा में शामिल हुए थे खान
बता दें कि सौमित्र खान पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे और विष्णुपुर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए और मुकुल रॉय के गुट के माने जाते हैं। मुकुल ही उनको तृणमूल से भाजपा में लाए थे। वहीं मुकुल व घोष के बीच मनमुटाव पहले से जगजाहिर है।
दिलीप घोष बोले-सबकुछ पार्टी लाइन अनुसार
इधर, कमेटी को भंग किए जाने पर दिलीप घोष ने कहा- भाजपा एक अनुशासित पार्टी और यहां सब कुछ पार्टी लाइन के अनुसार होता है। मैंने भाजयुमो की सभी जिला समितियों को भंग कर दिया है क्योंकि सूची को अंतिम रूप देने से पहले सौमित्र खान द्वारा ना तो मुझसे और ना ही जिला पार्टी अध्यक्षों से सलाह ली गई थी।
इस तरह की चीजें पार्टी में नहीं होनी चाहिए
उन्होंने कहा- इस तरह की चीजें पार्टी में नहीं होनी चाहिए क्योंकि भाजपा अनुशासनात्मक आधार पर चलती है और हमारी विचारधारा और कार्य करने का तरीका हमारे पास है। जल्द ही हमारे पास भाजयुमो जिला समितियों की एक नई सूची होगी और आगे के निर्णय तक मैंने भाजपा के जिला अध्यक्षों को भाजयुमो के कामकाज को संभालने के लिए पावर दी है।
मैंने पहले कभी इस तरह कार्रवाई नहीं देखी
वहीं, भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान ने कहा- मुझे नहीं पता कि इसे क्यों भंग किया गया। मैंने पहले कभी इस तरह की कार्रवाई नहीं देखी। उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है कि वह (घोष) भाजयुमो अध्यक्ष के रूप में किसी और को नियुक्त करना चाहते हों। अगर उन्हें मेरे द्वारा तैयार सूची से समस्या है तो मुझे लगता है कि उन्हें भाजयुमो का प्रभार ले लेना चाहिए।
नामों की घोषणा को पहले हो चुका है विवाद
युवा मोर्चा की कमेटी एवं जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। प्रदेश भाजपा कमेटी एवं कार्यकारिणी की घोषणा के पहले ही खान ने युवा मोर्चा कमेटी की घोषणा कर दी थी। घोष ने नई कमेटी एवं जिलाध्यक्षों के नामों पर आपत्ति जताई थी, हालांकि बाद में खान ने नई कमेटी की घोषणा को लेकर स्पष्टीकरण भी दिया था।
मुकुल व दिलीप के बीच वर्चस्व की लड़ाई है
यह विवाद दिल्ली में पार्टी हाईकमान तक भी पहुंचा था और बाद में सौमित्र खान को दिल्ली तलब कर समझाया गया था। लेकिन एक बार फिर इसको लेकर सिर फुटौव्वल शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि इसके पीछे मुकुल व दिलीप के बीच वर्चस्व की लड़ाई है।