बंगाल की सियासी लड़ाई हिंदी पर आई, ममता बोलीं-वो क्या मेरे को हिंदी सिखाएगा, हम कान पकड़के हिंदी सिखा देगा
बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस व भाजपा की जोर-आजमाइश चरम पर है ऐसे में दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग और तीखी होती जा रही है। इसी कड़ी में अब राज्य की सियासी लड़ाई हिंदी पर आ गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस व भाजपा की जोर-आजमाइश चरम पर है, ऐसे में दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग और तीखी होती जा रही है। इसी कड़ी में अब राज्य की सियासी लड़ाई हिंदी पर आ गई है। प्रदेश में हिंदी भाषी लोगों का अच्छा-खासा वोट बैंक है। उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा गुजरात, राजस्थान के भी काफी लोग बंगाल में रहते हैं। ऐसे में इन वोटरों को साधने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है।
नरेंद्र मोदी पर जमकर चुटकी ली
बीते दिनों तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी भाषी राज्यों के लोगों के साथ सीधा संवाद किया था ओर उनसे तृणमूल को वोट देने की अपील की थी। ममता बनर्जी ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर चुटकी ली।
ममता का तंज, आई टिप्पणी भी
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री टेलीप्रॉम्प्टर देखकर हिंदी पढ़ते हैं। वह भी गुजराती में लिखा होता है। ममता ने इस दौरान तंज कसते हुए पीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर दी। उन्होंने कहा, वो (नरेंद्र मोदी) क्या मेरे को हिंदी सिखाएगा, हम उसको कान पकड़के हिंदी सिखा देगा।
हम लोग भी पांच बरस तक पढ़ा
हम लोग भी पांच बरस तक हिंदी पढ़ा। वो हमको हिंदी सिखाता है। वो तो टेलीप्रॉम्प्टर देखकर बोलता है, गुजराती भाषा में लिखके। ममता ने आगे कहा, आप मेरे को बोलो हम हिंदी पूरा पढ़ देगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सामने रखे एक कागज को वहां मौजूद जनसमूह को दिखाया और कहा कि इसमें हिंदी लिखा है और वह ये पढ़ेंगी।
हम हिंदी अच्छा से पढ़ सकता है
उन्होंने एक लाइन पढ़कर भी सुनाया। इसके बाद उन्होंने कहा, हम हिंदी अच्छा से पढ़ सकता है, वो लोग नहीं पढ़ सकता है। टेलीप्रॉम्प्टर में देखके पढ़ता है। टेलीप्रॉम्प्टर में गुजराती में लिखा रहता है और वही पढ़ता है।
केम छो, भालो छो..हमको भी पता है
ममता ने कहा, हमको तो गुजराती भी याद है। केम छो, भालो छो.. हमको भी पता है। पंजाबी भाषा भी हम अच्छा से जानते हैं। हम पंजाब में हर गुरुद्वारा घूमकर आया। मैं गुरुद्वारे गई तो सिर्फ दो बात कही। मैंने कहा वाहे गुरुजी का खालसा। वो बोले, वाहे गुरुजी की फतेह। हम बोल सो निहाल, वो बोले सत श्री अकाल।