पुलिस कांस्टेबल हत्याकांड में सात को आजीवन कारावास
पुलिस कांस्टेबल असीम दाम हत्याकांड में सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा।
बैरकपुर, जेएनएन। बहुचर्चित कोलकाता के पुलिस कांस्टेबल असीम दाम हत्याकांड में गुरुवार बैरकपुर अदालत ने सात अभियुक्तों को दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रति अभियुक्त पर 15-15 हजार रुपये जुर्माना लगाया। बुधवार कोर्ट ने इस कांड में अभिजीत घोष, विश्वजीत घोष, कुंतल चक्रवर्ती, देबू मुखर्जी, तपन चंद्र, बाटू मजूमदार, प्रसेनजीत दत्त उर्फ पंका को दोषी करार दिया था।
बता दें कि घटना के समय असीम कोलकाता के इंटाली थाना में कास्टेबल के पद पर कार्यरत थे। उनकी भाजी मामुन धर को जबरदस्ती रंग लगाने का प्रतिवाद करने को लेकर कुछ युवकों ने उन पर धारदार हथियार से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके बाद उनकी मौत हो गई थी। इस हत्याकाड की जाच सीआइडी ने की थी।
घटना की चश्मदीद मामुन धर ने बताया कि 2012 के होली के दिन उसके मामा के घर पूजा व भोज का कार्यक्रम था, जिसमें शामिल होने वह मामा के घर जा रही थी। मामा और भांजी का घर पास ही है। रास्ते में कुछ युवक ने घेर कर जबरदस्ती रंग लगाने के लिए उसके साथ छेड़छाड़ की। उस समय उसकी चप्पल टूट गई। उसके साथ छेड़खानी होता देख मामा असीम ने उनका विरोध किया। उस समय वे युवक धमकी देकर चले गये। आधे घटे बाद राड, हाकी स्टिक और भुजाली से लैस होकर लौटे। सरेआम उसके मामा को घेर कर हमला कर दिया। हमले में वह बेहद गंभीर रूप से घायल हो गए। उसका आरोप है कि उसके मामा की नृशंस तरीके से हत्या की गई थी।
यह अपराध जितना गंभीर है, उसके अनुरूप दोषियों को फांसी की सजा देनी चाहिए। सरकारी वकील असीम कुमार दत्त ने बताया कि अदालत ने कई धाराओं के तहत दोषी पाया। उसके अनुसार अलग अलग धाराओं के तहत सजा सुनाई गई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि अभियुक्तों को दी गई सर्वोच्च सजा ही काटनी पड़ेगी। दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि अदालत के इस फैसले से वे संतुष्ट नही हैं। उनके मुअक्किलों को इंसाफ नहीं मिला है।