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यौन उत्पीड़न मामले में कैलाश विजयवर्गीय की जमानत पर छुट्टी के दिन सुनवाई पर माकपा नेता ने फेसबुक पर उठाया सवाल

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल इकाई के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय समेत समेत तीन नेताओं ने यौन उत्पीड़न के एक पुराने मामले में अग्रिम जमानत के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट में पूजा की छुट्टी के दौरान मामले पर सुनवाई होगी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 06:09 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 06:09 PM (IST)
यौन उत्पीड़न मामले में कैलाश विजयवर्गीय की जमानत पर छुट्टी के दिन सुनवाई पर माकपा नेता ने फेसबुक पर उठाया सवाल
यौन उत्पीड़न मामले में कैलाश विजयवर्गीय की जमानत का मामला

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल इकाई के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय समेत समेत तीन नेताओं ने यौन उत्पीड़न के एक पुराने मामले में अग्रिम जमानत के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट में पूजा की छुट्टी के दौरान मामले पर सुनवाई होगी। कैलाश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के पदाधिकारी प्रदीप जोशी और जिष्णु बसु ने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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गुरुवार को महानवमी के दिन तीनों याचिका पर सुनवाई होनी है। इसे लेकर शिकायतकर्ता के वकील और माकपा नेता बिकाशरंजन भट्टाचार्य ने सवाल किया कि पूजा की छुट्टी के दौरान जल्दबाजी में याचिका पर सुनवाई क्यों की जा रही है।

दरअसल, 2018 में भाजपा की एक महिला नेता ने अपने ही पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उस समय भाजपा के पूर्व राज्य महासचिव (संगठन) अमल चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। बाद में इस मामले में राज्य के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को भी आरोपित बना दिया गया। साथ ही आरएसएस के तत्कालीन क्षेत्री प्रचारक प्रदीप जोशी और राज्य के नेता जिष्णु बसु को भी नामजद कर दिया गया। महिला ने थाने में प्रताड़ित करने की शिकायत दर्ज कराई थी।

सूत्रों का कहना है कि उक्त मामले में कैलाश, प्रदीप और जिष्णु की गिरफ्तारी की संभावना प्रबल हो गई है। इसी लिए तीनों ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है। अदालत सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीश हरीश टंडन और न्यायाधीश कौशिक चंद की पीठ गुरुवार को जमानत याचिका पर वर्चुअल सुनवाई करेगी। लेकिन वादी के वकील बिकाशरंजन भट्टाचार्य ने फेसबुक पर सवाल किया कि पूजा की छुट्टी के दौरान मामले पर इतनी जल्दी सुनवाई क्यों? क्या सुनवाई जरूरी है क्योंकि आरोपित राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं?

मामले में बिकाश रंजन भट्टाचार्य के साथी वकील उदय शंकर चट्टोपाध्याय ने कहा कि तीनों के खिलाफ धारा 376 के तहत दुष्कर्म के आरोप हैं, लेकिन देर से आरोप लगाने समेत विभिन्न तर्कों के आधारों पर अलीपुर अदालत ने हमारे आवेदन को खारिज कर दिया था। उस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया गया था। कुछ दिन पहले हाई कोर्ट ने अलीपुर कोर्ट के फैसले को रद कर दिया है। इस संबंध में कई बार कैलाश विजयवर्गीय के वकील से संपर्क करने का प्रयास गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।


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