भाजपा का मुख्यमंत्री पर पलटवार, पेगासस से खुद अपने मंत्रियों व विरोधियों की जासूसी कराती हैं ममता बनर्जी
पेगासस जासूसी मामले की पड़ताल के लिए बंगाल सरकार द्वारा जांच आयोग गठित करने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए भाजपा ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पलटवार किया। पेगासस से खुद अपने मंत्रियों व विरोधियों की जासूसी कराती हैं ममता बनर्जी
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पेगासस जासूसी मामले की पड़ताल के लिए बंगाल सरकार द्वारा जांच आयोग गठित करने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए भाजपा ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पलटवार किया। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि खुद ममता सरकार ही उसी इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अपने विरोधियों, पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और यहां तक अपनी ही पार्टी के नेताओं और मंत्रियों की निगरानी करने के लिए कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा फोन टैपिंग की संस्कृति में विश्वास नहीं करती। भट्टाचार्य ने सवाल किया कि क्या पिछले 10 वर्षों में कोलकाता पुलिस का कोई कमिश्नर इस स्पाइवेयर के लिए इजरायल गया था? उन्होंने राज्य सरकार से इस पर स्पष्टीकरण की मांग की। भाजपा नेता ने कहा कि टीएमसी के नेता सामान्य फोन पर बात या संदेश साझा इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हें पता कि उनका फोन टैप हो रहा है। दूसरी ओर, भाजपा आइटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी जांच आयोग के गठन पर सवाल उठाते हुए कहा कि ममता बनर्जी को पहले चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच करानी चाहिए।
माकपा ने फोन टैपिंग कराने लिए ममता को भी कठघरे में किया खड़ा
दूसरी ओर बंगाल विधानसभा के नेता रहे सुजन चक्रवर्ती ने सोमवार को कहा कि विरोधी दल के नेताओं का फोन पेगासस के जरिये टैप कराये जाने का पूरे देश में तीव्र विरोध होना चाहिए। यह अनैतिक है। साथ ही उन्होंने फोन टैपिंग कराने लिए ममता बनर्जी को भी कठघरे में खड़ा किया।
वरिष्ठ माकपा नेता ने कहा कि ऐसे ही सवाल भाजपा में रहते समय मुकुल राय ने भी उठाए थे। तब उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी की सरकार विरोधी नेताओं के फोन टैप करवाती है। इस मुद्दे पर ममता कुछ नहीं कह रहीं। उन्हें मुकुल के उन ओरोपों का जवाब देना चाहिए।
चक्रवर्ती ने कहा कि अब ऐसे में सवाल उठता है कि मुकुल ने उस वक्त जो आरोप लगाये थे, क्या ये वही पेगासस है? इस बारे में मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए। बंगाल की जनता को इस बारे में जानने का पूरा हक है।