Move to Jagran APP

West Bangal: कोहरे में भी सुरक्षित और सरपट दौड़ेगी यात्री ट्रेनें, लोको पायलटों को मिला फॉग पास डिवाइस

कोहरे के मौसम में यात्री ट्रेनों को विलंब से बचाने एवं सुरक्षित संचालन के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे ने नई पहल की है। इसके लिए लोको पायलटों को फॉग पास डिवाइस दिया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 09:31 AM (IST)
West Bangal: कोहरे में भी सुरक्षित और सरपट दौड़ेगी यात्री ट्रेनें, लोको पायलटों को मिला फॉग पास डिवाइस
West Bangal: कोहरे में भी सुरक्षित और सरपट दौड़ेगी यात्री ट्रेनें, लोको पायलटों को मिला फॉग पास डिवाइस

कोलकाता, जागरण संवाददाता। कोहरे के मौसम में यात्री ट्रेनों को विलंब से बचाने एवं सुरक्षित संचालन के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे ने नई पहल की है। इसके लिए लोको पायलटों को फॉग पास डिवाइस दिया गया है। इसका सर्वाधिक लाभ चालकों को कोहरे से प्रभावित सेक्शन में मिलेगा। ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम से लैस डिवाइस 500 मीटर पहले ही चालकों को सिग्नल की स्थिति, लेवल क्रासिंग गेट, चेतावनी बोर्ड और स्टेशनों की जानकारी दे देगा।

prime article banner

गौरतलब है कि सर्दी के मौसम में कोहरे से प्रभावित होने वाले रेलवे जोनों में यात्री ट्रेनों में सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। सिग्नल दिखाई नहीं देने से ट्रेनें घंटों विलंब से चलती हैं। इसके चलते यात्री अपना आरक्षण रद करा देते हैं। कोहरे की वजह से कई ट्रेनों को लंबे समय के लिए रद भी करना पड़ता है जिसका प्रभाव रेलवे की आय पर पड़ता है।

सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड के निर्देश पर दक्षिण पूर्व रेलवे ने कोहरे के मौसम में यात्री ट्रेनों को विलंब से बचाने तथा सुरक्षित चलाने के लिए विशेष पहल की है। इसके तहत यात्री ट्रेनों में फॉग पास डिवाइस की शुरुआत की गई है जिसका प्रयोग कोहरे से प्रभावित सेक्शन में किया जाएगा।

दपूरे सूत्रों के अनुसार यात्री ट्रेनों के चालक को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आधारित हाथ में ले जाने वाले पोर्टेबल डिवाइस (जो कि लोकोमोटिव पर स्थायी रूप से स्थापित नहीं है) को दिए जाने की शुरुआत कर दी गई है। ट्रेन ले जाते वक्त चालक पोर्टेबल उपकरण को इंजन में लगा देंगे। कोहरा प्रभावित सेक्शन में ट्रेन के पहुंचते ही जब कोई लैंडमार्ग जियो फेंस रेंज के भीतर आएगा तो फॉग पास डिवाइस डिस्प्ले और ऑडियो मोड के माध्यम से काम करने लगेगा।

इसके बाद डिवाइस सेक्शन में आने वाले स्टेशनों, लेवल क्रासिंग की दूरी, चेतावनी बोर्ड, सिग्नल की स्थिति (हरा या लाल), ट्रेन की गति आदि की सटीक जानकारी लोको पायलट को दे देगा। इसके आधार पर चालक आसानी से ट्रेन का संचालन कर सकेंगे। इससे ट्रेनों के समय पर चलने के साथ ही यात्री सुरक्षा भी बरकरार रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

दपूरे की इस पहल से लोको पायलटों को अधिक आत्मविश्र्वास के साथ ट्रेनों को चलाने में मदद मिलेगी। उधर, कोहरे के मौसम में अधिकारियों को रात्रि निरीक्षण कर ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को संरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करने के भी निर्देश दिए गए हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.