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बंगाल में टीएमसी और आइ-पीएसी की टीम एक है, दरार की खबरों में सच्चाई नहीं : तृणमूल

पार्टी ने ट्विटर पर स्पष्ट किया- आइ-पीएसी और टीएमसी टीम की तरह काम करती है। प्रशांत किशोर का नाम लिए बगैर वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि एजेंसी या इसके किसी भी पदाधिकारी के विचार आवश्यक रूप से पार्टी के विचार नहीं हो सकते।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 09:42 AM (IST)Updated: Fri, 24 Dec 2021 09:47 AM (IST)
बंगाल में टीएमसी और आइ-पीएसी की टीम एक है, दरार की खबरों में सच्चाई नहीं : तृणमूल
बंगाल में टीएमसी और आइ-पीएसी की टीम एक है

राज्य ब्यूरो, कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस (टीमएसी) और राजनीतिक सलाह देने वाले संगठन इंडियन पालीटिकल एक्शन कमिटी (आइ-पीएसी) के बीच मतभेद की बढ़ती खबरों के बीच पार्टी ने कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के नेतृत्व में दोनों के बीच सहयोग जारी रहेगा। टीएमसी और प्रशांत किशोर नीत आइ-पीएसी में भेद का जिक्र करते हुए वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पार्टी ने राजनीतिक परामर्श देने वाले समूह की सेवा पांच वर्षों के लिए ली थी और इसे कुछ विशेष काम करने हैं।

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प्रशांत किशोर का नाम लिए बगैर वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि एजेंसी या इसके किसी भी पदाधिकारी के विचार आवश्यक रूप से पार्टी के विचार नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि टीएमसी पहला राजनीतिक दल है जिसने आइ-पीएसी की सेवा पांच वर्षों के लिए ली और उन्हें कुछ विशेष काम करने हैं। आइ-पीएसी की जमीनी स्तर, संचार और सोशल मीडिया पर अच्छी पकड़ है। इन सभी का आकलन ममता बनर्जी (बंगाल की मुख्यमंत्री) की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्य समिति करती है।

पार्टी ने ट्विटर पर स्पष्ट किया कि आइ-पीएसी और टीएमसी टीम की तरह काम करती है। इसने ट्वीट किया, ‘टीएमसी और आइ-पीएसी के बीच कामकाज को लेकर मतभेद की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है।’ 

भाजपा नेता से मिले तृणमूल कांग्रेस के दो विधायक

देश कमेटी में जगह नहीं मिलने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता सायंतन बसु के साथ तृणमूल कांग्रेस के दो विधायकों ने बैठक की है। इससे बाद सायंतन के टीएमसी के शामिल होने की अटकलें हैं। हालांकि बैठक को स्वीकार करते हुए सायंतन ने दावा किया कि बैठक पूरी तरह से निजी थी। राजनीति का इससे कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश भाजपा की नई कमेटी का एलान किया गया है। कमेटी में पुरानी कमेटी के कई सदस्यों को जगह नहीं मिली है। सायंतन उन लोगों में सबसे उल्लेखनीय हैं जिन्हें कमेटी में स्थान नहीं मिला है। पुरानी कमेटी सायंतन प्रदेश महासचिव थे। इसके तुरंत बाद सायंतन ने भाजपा के एक दलीय संगठनात्मक वाट्सएप ग्रुप को छोड़ दिया। यहां तक कि उन्होंने मीडिया के साथ संपर्क समूह भी छोड़ दिया। कुछ ही घंटों में सत्ताधारी तृणमूल के दो विधायक सायंतन के बिधाननगर स्थित घर पर नजर आए। नेताओं के नाम का पता नहीं चला है। इसके बाद सायंतन के टीएमसी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।


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